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यह एक हिंदी ब्लॉग है इस ब्लॉग पर आपको कम्प्यूटर, Internet, मोबाइल और अन्य सभी टेक्नॉलजी से सम्बंधित जानकरी हिंदी में मिलती है।
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Creative Innovative Informative
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Cyber Security in hindi: आज के समय में इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है और लगभग सभी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते है जिस तरह से आज के समय में इंटरनेट यूज़र बढ़ते जा रहे है और टेक्नॉलजी पर निर्भर होते जा रहे है उसी तरह साइबर अपराध (Cyber crime) की घटनाएँ बढ़ती जा रही है ऐसे में साइबर सुरक्षा बहुत ज़रूरी हो गया है। लेकिन क्या आप जानते है कि साइबर सुरक्षा क्या होता है और यह क्यों ज़रूरी है? अगर आप साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक पूरा जरूर पढ़िए क्योंकि इसमें हमने Cyber Security के बारे में पूरी जानकारी को हिंदी में समझाया है।
साइबर सिक्योरिटी जिसे कंप्यूटर सुरक्षा या इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सुरक्षा भी कहते है साइबर सिक्योरिटी का मतलब इंटरनेट पर होने बाले हमलों से सुरक्षा प्रदान करना होता है। साइबर हमलों की सूची में हैकिंग, Virus Attack, Data leak, Fraud आदि आते है। इन सभी हमलों से कम्प्यूटर, नेटवर्क, website आदि को सुरक्षित रखा जाता है। साइबर सुरक्षा में कंप्यूटर और नेटवर्क में उपलब्ध किसी भी प्रकार की जानकारी और डाटा को सुरक्षित और गोपनीय रखा जाता है।
Cyber security का मतलब इंटरनेट पर सुरक्षा से है जब भी हम इंटरनेट यूज़ करते है या इंटरनेट से जुड़े होते है तो कई हैकर्स की नज़र हम पर होती है और कई तरह का ख़तरा हम पर बना रहता है। हैकर्स कई सारे अलग- अलग तरीक़ों से साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करके हमारे सिस्टम तक पहुँच बना सकते है और हमें नुक़सान पहुँचा सकते है। आपके Devices में virus आ सकता है, आपका पर्सनल Data चोरी हो सकता है और आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसी ख़तरे को रोकने के लिए व बचने के लिए Cyber Security बहुत ज़रूरी हो जाती है।
Cyber Security में कम्प्यूटर, सर्वर, नेटवर्क, Data, software आदि को सुरक्षा प्रदान करना होता है जिस से इंटरनेट पर होने वाले Cyber Attacks से सुरक्षा मिल सके।
साइबर सुरक्षा यह इंटरनेट से कंप्यूटर, सर्वर के लिए एक सुरक्षा होती है। जो कंप्यूटर, सर्वर, मोबाइल डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, डेटा और नेटवर्क को Malicious attacks से बचाने का अभ्यास है। आसान शब्दों में साइबर सुरक्षा साइबर अपराध से बचाने का काम करती है
साइबर सुरक्षा में कम्प्यूटर, नेटवर्क व Data को सुरक्षित रखने के अलग- अलग श्रेणी में बाँटा गया है जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे है
नेटवर्क सुरक्षा में कम्प्यूटर और डिवाइस जो कि नेटवर्क से जुड़े है उन पर आने जाने वाले ट्रैफिक को कंट्रोल तथा मैनेज किया जाता है जिस से किसी भी तरह की Attack और Threath से नेटवर्क को बचाया जा सके। इसे सुरक्षा की पहली layer भी कहा जाता है।
Application security में यह ध्यान रखा जाता है कि जितने भी Application जो नेटवर्किंग में इस्तेमाल किए जाते है उनके development और installation के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है। Applicaton security में इसके अंदर का Data व Code को चोरी होने से रोकने का भी ध्यान रखा जाता है। ऐप्लकैशन सिक्युरिटी तरीकों के अंतर्गत एंटी वायरस, फायरवाल आदि आते हैं।
Information Security इस Cyber security के प्रकार में डाटा जो कि स्टोर है या वह प्रवाहित हो दोनों को सुरक्षित रखना और उसे डिजिटल हमलों से बचाना होता है
आपरैशनल सिक्युरिटी के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी नेटवर्क तक पहुँचने के दौरान यूज़र को कौन-कौन सी अनुमति दी जाए और यह भी निर्धारित किया जाता है कि डेटा को कहाँ और कैसे स्टोर या साझा किया जा सकता है।
यह किसी भी यूजर को नेटवर्क से जुड़ते समय की सुरक्षित प्रक्रिया होती है जिसमे Users के Roles के अनुसार नेटवर्क में जुड़ने के लिए एक पॉलिसी बना दी जाती है जिस कारण बाहर से कोई अन्य यूजर नेटवर्क से नहीं जुड़ सकता क्योंकि यहाँ पर नेटवर्क से जुड़ने के अधिकारों को सीमित कर दिया जाता है।
इस प्रक्रिया में डाटा को सुरक्षित रखने के लिए Data को एनकोड और Decode किया जाता है जिससे किसी भी प्रकार से डाटा चोरी या लीक होने से बचाया जा सके।
Cyber Attack को आसान भाषा में समझें तो हैकर द्वारा की गई किसी भी activity या हैक करने के process को cyber attack कहते है। यह Attacks अलग अलग तरीक़े से किए जा सकते है और बदलती टेक्नॉलजी के साथ Cyber Attack के नए नए तरीक़े सामने आ रहे है। चलिए यहाँ हम कुछ साइबर हमलों के बारे में जानते है।
Malware एक ऐसा software या प्रोग्राम होता है जो हैकर द्वारा बनाया जाता है जो हमारे सिस्टम में हमारी जानकारी के बिना घुस जाता है और सिस्टम को ख़राब कर देता है। इस से आपका Data चोरी हो सकता है या आपका कम्प्यूटर धीमा भी हो सकता है।
फिशिंग का मतलब मछली को अपने जाल में फ़साने जैसा है इसमें साइबर अपराधी Email, SMS या किसी अन्य तरीक़े से हमसे सम्पर्क करता है और एक फ़र्ज़ी लिंक पर क्लिक करने का लालच देता है लिंक पर क्लिक करने पर वह हमारी पर्सनल Details चुरा सकता है जैसे User ID, Password, Credit Card / Debit Card की डिटेल्स।
इसका पूरा नाम Distributed denial-of-service है DDos Attack अगर किसी भी सिस्टम, website या नेटवर्क पर किया जाता है तो वह पूरी तरह से ठप हो जाता है। इस अटैक में साइबर अपराधी किसी भी नेटवर्क, सिस्टम, या वेबसाइट की सीमा से अधिक ट्रैफ़िक भेजता है जिस से लोड ज़्यादा होने के कारण सिस्टम, सर्वर, या वेबसाइट काम करना बंद कर देती है।
जैसे कि इसके नाम से पता चलता है बीच बाला आदमी।मतलब दो लोगों के बीच हो रहे कम्यूनिकेशन में साइबर अपराधी नेटवर्क से छेड़छाड़ कर के कम्युनिकेशन का एक्सेस ले लेता है। और इस हमले के बारे में यूज़र को कोई भी जानकारी नहीं होती है।
साइबर अपराधी इस अटैक का इस्तेमाल यूज़र का password पता करने के लिए करते है Brute force attack Uppercase, Lowercase, Digits और Special chars के Combination से Password बनाता जाता है।
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हम सभी जानते है कि आज के समय में इंटरनेट का उपयोग बहुत ज़्यादा मात्रा में बढ़ गया है। आज कल सारे काम इंटरनेट से होते है। Shoping, बैंकिंग, आदि। और हम सभी लोग भी इंटरनेट पर अपना पर्सनल डाटा शेयर करते है। पर यह इंटरनेट पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, साइबर अपराधी हमारे पर्सनल डाटा को चोरी करने के घात लगाए बैठे है। और हमारी एक लापरवाही हमें मुसीबत में डाल सकती है।
आज कल सरकारी और ग़ैरसरकारी संस्थाएं भी इंटरनेट और टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करती है और इन सभी संथाओं का डाटा काफी संवेदनशील होता है। इस लिए अपने डाटा को सुरक्षित रखना बहुत ज़रूरी हो जाता है।
साइबर सिक्योरिटी की मदद से इंटरनेट और सिस्टम पर स्टोर संवेदनशील डाटा को साइबर अपराधी से सुरक्षित रखा जा सकता है व चोरी होने से बचाया जा सकता है इस लिए साइबर सिक्योरिटी बहुत ज़रूरी हो जाती है।
जैसा कि हम जानते है आज कल इंटरनेट का इस्तेमाल कितना बढ़ गया है इस लिए दिन व दिन साइबर अपराध की घटनाएँ बढ़ती जा रही है। कुछ लोग इंटरनेट का यूज़ अच्छे कामों के लिए करते है पर कुछ लोग इसका दुर्पयोग करके दूसरों को नुक़सान पहुँचाते है।
साइबर अपराधी ज़्यादातर उन लोगों को अपना शिकार बनाते है जिन लोगों को टेक्नॉलजी और साइबर सुरक्षा के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती है और इसी बात का फ़ायदा उठा कर साइबर अपराधी उन लोगों को अपने जाल में आसानी से फँसा लेते है।
जो लोग इंटरनेट पर आसानी से किसी भी website, link पर भरोसा कर लेते है और क्लिक कर देते है या इंटरनेट पर अनजान व्यक्ति के साथ अपनी निजी जानकारी शेयर कर देते है ऐसे लोग अक्सर साइबर अपराध का शिकार बन जाते है।
तो अगर हम साइबर सिक्योरिटी में एक्स्पर्ट नहीं है फिर भी हम कुछ साइबर सुरक्षा टिप्स का ध्यान रख कर ख़ुद को साइबर हमलों से बचा सकते है तो चलिए जानते है कुछ ज़रूरी Cyber safety tips के बारे में।
आप अपने सिस्टम में जो भी ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे है। या आप अपने कम्प्यूटर में जो भी software यूज़ कर रहे है उसे समय-समय पर अपडेट करते है। और हमेशा लेटेस्ट वर्शन से अपडेट करें। हम सभी को पता है कि software और ऑपरेटिंग सिस्टम Coading से बनाया जाता है। जब सॉफ्टवेयर कम्पनी अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करती है तब पुराने कोड के साथ नया कोड ऐड किया जाता है और नया कोड जब किसी सॉफ्टवेयर में ऐड किया जाता है तब उसे पुराने कोड से बेहतर होता है और सॉफ्टवेयर में सिक्योरिटी कमजोरियों को भी फ़िक्स कर दिया जाता है।
एंटी वायरस सॉफ्टवेयर आपके सिस्टम के लिए बहुत ज़रूरी है यह आपके सिस्टम में वायरस आने से रोकता है और साथ में फर्जी असुरक्षित Websites और प्रोग्राम्स को भी ब्लॉक कर देता है एंटी वायरस आपके सिस्टम में मौजूद वायरस को भी हटा देता है। और आपके सिस्टम को क्लीन रखता है।
इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी strong password होता है। अगर हमारा password week है तो इसे कोई भी आसानी से crack कर सकता है। इसलिए एक मज़बूत password बनाने के लिए Special Characters , Symbols , Letters , Numbers का प्रयोग करें, पर password में अपना नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नम्बर आदि का प्रयोग न करें इस से password को guess करना आसान हो जाता है। अपने password को हमेशा गुप्त रखें इसे किसी के साथ share ना करें।
कई बार आपके पास ऐसे मेल या message आए होंगे जिनमें लिखा होता है कि आपने इतने रुपए का ईनाम जीता है और इस ईनाम को अपने बैंक अकाउंट में लेने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए। या फिर आपको एक अच्छी नौकरी दिखाई जाती है। पर वह एक फ़र्ज़ी लिंक होती है ईनाम का लालच दे कर आपको उस लिंक पर क्लिक करने के लिए फँसाया जाता है। लिंक पर क्लिक करने से आपकी पर्सनल जानकारी चोरी हो सकती है या आपके सिस्टम की किसी भी तरह का वाइरस आ सकता है इस लिए किसी भी अज्ञात फ़र्ज़ी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
अगर आपके पास कोई अज्ञात ईमेल आता है और उसमें किसी तरह की फ़ाइल अटैच है तो उस फ़ाइल को खोलना आपको मुसीबत में डाल सकता है। उस फ़ाइल में किसी भी तरह का वाइरस हो सकता है जो आपके सिस्टम में इंस्टॉल हो कर अपने कम्प्यूटर या डिवाइस को नुक़सान पहुँचा सकता है।
अक्सर हम इंटरनेट चलाने के लिए wifi का इस्तेमाल करते है पर सार्वजानिक स्थानों पर फ्री का WiFi यूज़ करना अपने लिए मुसीबत बन सकता है। क्यूँकि फ़्री WiFi कनेक्ट करने से आप उसके network का हिस्सा बन जाते है और आपकी डिवाइस का सारा ऐक्सेस उसके पास पहुँच सकता है। इस लिए सार्वजानिक स्थानों पर फ़्री का WiFi use करने से बचना चाहिए।
Cyber security में अपना करियर बनाना आपके लिए यह निर्णय बहुत अच्छा होगा। क्यूँकि बढ़ती टेक्नॉलजी के साथ-साथ साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट की डिमांड आज के समय में बहुत ज्यादा है और भविष्य में इसका स्कोप आज के मुकाबले काफी बढ़ने वाला है। क्यूँकि आज के समय में हर संस्था टेक्नॉलजी और इंटरनेट पर निर्भय है। और हर व्यक्ति इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। इस लिए साइबर अपराधों की नयी नयी घटनाएं भी रोज सामने आ रही है ऐसे में अगर आपके पास साइबर सुरक्षा से सम्बंधित स्किल्स है तो आप आसानी से साइबर सुरक्षा में एक अच्छा करियर बना सकते है।
मुझे उम्मीद है कि आपको साइबर सिक्योरिटी क्या है – Cyber security in Hindi के बारे में समझ में आया होगा। साइबर सिक्योरिटी से हम इंटरनेट पर अपने आप को सुरक्षित रख सकते है। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आयी और इस से कुछ नया सीखने को मिला तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए और उनको भी बताइए की साइबर सिक्योरिटी क्यूँ ज़रूरी है।