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यह एक हिंदी ब्लॉग है इस ब्लॉग पर आपको कम्प्यूटर, Internet, मोबाइल और अन्य सभी टेक्नॉलजी से सम्बंधित जानकरी हिंदी में मिलती है।
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Creative Innovative Informative
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हम सभी अपने छोटे और बड़े कामों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, बिना इसके बारे में ज्ञान रखे। कंप्यूटर शब्द सुनने में तो छोटा लगता है,लेकिन यह कई सारे प्रोग्राम्स से मिलकर बना होता है और इन्हीं चीजों की मदद से कंप्यूटर उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए कार्यों को भी पूरा करता है। Hardware भी कंप्यूटर का एक बेहद जरूरी हिस्सा है और इसके बिना कंप्यूटर अपने किसी भी काम को नहीं कर सकता। इसलिए कंप्यूटर के बारे में आप जानकारी को बढ़ाने के लिए हम ये पोस्ट लेकर आए हैं।
हमारे इस लेख को पढ़ने के बाद आपको Hardware के बारे में सभी जानकारी मिल जाएगी। अगर आप कंप्यूटर के बारे में जानने के लिए इच्छुक हैं, तो आपको Hardware और सॉफ्टवेयर जैसे इसके महत्वपूर्ण हिस्सों के बारे में जरूर जानना चाहिए। इन चीजों को जानने के बाद आप कंप्यूटर को और भी अच्छी तरह से समझ पाएंगे। तो चलिए इस पोस्ट में सबसे पहले हम यह जानते हैं कि Hardware kya hai ?
कंप्यूटर के वे भाग जिन्हें हम देखते हैं और छू सकते हैं, उन्हें Hardware कहते हैं। ये हमारे कंप्यूटर के Physical Parts होते हैं, जिनसे हमारे कंप्यूटर का शरीर बनता है। कुछ उदाहरण दिए जा सकते हैं जैसे कीबोर्ड, माउस, केबिनेट, मॉनिटर, प्रिंटर आदि, जो सभी Hardware की मिसालें हैं।
इसके अलावा, Hardware का और भी काम होता है। यह कंप्यूटर को अपने कार्यों को करने के लिए ताकत प्रदान करता है। कंप्यूटर में Hardware के अलावा एक प्रमुख भाग होता है जिसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) कहते हैं। CPU कंप्यूटर के दिमाग की तरह काम करता है और सभी कार्यों को नियंत्रित करता है।
Hardware हमारे कंप्यूटर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यदि हमारे कंप्यूटर में Hardware नहीं होता, तो कंप्यूटर हमारे किसी भी काम को करने में सक्षम नहीं हो सकता। इसलिए, हमें कंप्यूटर के Hardware के बारे में जानना और समझना चाहिए। आपको यह जानकारी साझा करने के लिए इस पोस्ट को लाया गया है।
Hardware के अतिरिक्त, कंप्यूटर के Hardware का और भी अहम काम होता है। इससे कंप्यूटर को अपने कार्यों को पूरा करने के लिए ताकत मिलती है। कंप्यूटर में Hardware के अलावा एक मुख्य अंग होता है जिसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) कहा जाता है। सीपीयू कंप्यूटर की मस्तिष्क की तरह काम करता है और सभी कार्यों को नियंत्रित करता है।
इस तरह से हमारे कंप्यूटर के लिए Hardware बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर हमारे कंप्यूटर में Hardware नहीं होता, तो कंप्यूटर हमारे किसी भी काम को करने में असमर्थ होगा। इसलिए, हमें कंप्यूटर के Hardware के बारे में जानने और समझने की जरूरत होती है।
CPU का पूरा नाम होता है Central Processing Unit. यह कंप्यूटर का एक छोटा सा लेकिन महत्वपूर्ण भाग होता है। इसे हम एक चिप के रूप में समझ सकते हैं। यह कंप्यूटर के सभी निर्देशों को प्रोसेस करता है और प्रोग्राम के अनुसार परिणाम प्राप्त करता है। इसके बाद कंप्यूटर कोई आउटपुट देता है। इसका मतलब है कि कंप्यूटर कोई आउटपुट प्राप्त करने से पहले का काम सीपीयू का होता है। यह निर्देशों को नियंत्रित और प्रोसेस करता है। बिना इसके कोई नतीजा नहीं मिलता है।
सीपीयू एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है। यह मनुष्य के लिए दिमाग की तरह महत्वपूर्ण होता है। ठीक उसी तरह कंप्यूटर के लिए सीपीयू आवश्यक होता है। क्योंकि सीपीयू को हम कंप्यूटर का दिमाग (ब्रेन) मानते हैं। जिस तरह मनुष्य अपने दिमाग के बिना कुछ नहीं कर सकता है, ठीक उसी तरह कंप्यूटर भी सीपीयू के बिना कुछ नहीं कर सकता है। कंप्यूटर से वह सभी कार्य पोर्टेबल होते हैं जिनमें सीपीयू का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए यह कंप्यूटर का मुख्य उपकरण माना जाता है।
RAM (Random Access Memory) एक चिप की तरह होती है, जो मैटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर (MOS) से बनी होती है। रैम में सभी सूचनाएँ अस्थायी रूप से संग्रहित होती हैं और जब कंप्यूटर की बिजली आपूर्ति बंद की जाती है, तो सभी सूचनाएँ गायब हो जाती हैं, यानी रैम एक अस्थायी (Volatile) मेमोरी होती है।
ROM यह एक सेमीकंडक्टर चिप होती है, जो सिलिकॉन से बनी होती है। इसमें डेटा और प्रोग्राम्स स्थायी तौर पर संग्रहित होते हैं। इसके नाम से ही पता चलता है कि यह एक प्राथमिक मेमोरी है, जिसमें संग्रहित डेटा और निर्देशों को केवल पढ़ा जा सकता है, उन्हें संपादित या हटाया नहीं जा सकता।
हार्ड डिस्क जिसे हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) भी कहा जाता है, एक वोलेटाइल मेमोरी से अलग होने वाली Hardware उपकरण है। हार्ड डिस्क का काम कंप्यूटर डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित करना और पुनः प्राप्त करना होता है। यह एक नॉन-वोलेटाइल उपकरण है, जिसका अर्थ होता है कि इसमें कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है।
यह एक प्रकार की सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है, जो हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) की तरह बहुत सारे डेटा को स्थायी रूप से स्टोर कर सकती है। हालांकि, इसमें हार्ड डिस्क की तरह कोई यांत्रिक भाग नहीं होता है। इसमें डेटा को स्टोर करने के लिए अर्धचालक चिप्स (सेमीकंडक्टर चिप्स) का उपयोग किया जाता है। यानी कि इसमें हार्ड डिस्क ड्राइव की तरह कोई घूमती डिस्क या मैकेनिकल आर्म नहीं होते हैं।
ऑप्टिकल डिस्क एक चमकदार गोल डिस्क होती है, जिसका व्यास 3 इंच से 12 इंच तक हो सकता है और मोटाई 0.05 इंच तक हो सकती है। आजकल ऑप्टिकल डिस्क का इस्तेमाल बहुत कम देखने को मिलता है.
लेकिन 5-10 साल पहले ऑप्टिकल डिस्क एक लोकप्रिय स्टोरेज डिवाइस थी. ऑप्टिकल डिस्क के इस्तेमाल में कमी आने का सबसे बड़ा कारण इसकी स्टोरेज क्षमता है। साथ ही, इंटरनेट के प्रचलन से लगभग सभी चीजें इंटरनेट पर ही उपलब्ध हो जाती हैं, इसलिए इस डिस्क का उपयोग अधिक नहीं होता है
ऑप्टिकल डिस्क मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं – सीडी (CD), डीवीडी (DVD) और ब्लू रे (Blue Ray). आजकल ब्लू रे डिस्क सबसे अधिक उपयोग होने वाली ऑप्टिकल डिस्क है।
एक छोटा, अल्ट्रा-पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है, जो ऑप्टिकल ड्राइव या पारंपरिक हार्ड ड्राइव के विपरीत होता है। इसे आमतौर पर यूएसबी फ्लैश ड्राइव, डेटा स्टिक, पेन ड्राइव, मेमोरी यूनिट, किचेन ड्राइव और थंब ड्राइव के नाम से भी जाना जाता है। यह जंप ड्राइव नामक एक पोर्टेबल स्टोरेज उपकरण होता है। इसका आकार अक्सर मनुष्य के अंगूठे के आकार के समान होता है और यह एक यूएसबी पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़ता है। फ्लैश ड्राइव कंप्यूटर के बीच जानकारी को स्टोर और ट्रांसफर करने का आसान तरीका है। इसकी क्षमता 2 जीबी से 1 टीबी तक हो सकती है।
कीबोर्ड Computer का एक मुख्य उपकरण होता है जिसका उपयोग Computer को निर्देश (Instructions) देने के लिए किया जाता है। आमतौर पर कीबोर्ड पर मौजूद अक्षर, नंबर और चिह्न इत्यादि के बटन (कुंजी) का उपयोग करके निर्देश दिया जाता है। यह Computer के Hardware भाग का हिस्सा होता है, और इसका आकार आयताकार होता है। हम इसे आसानी से देख सकते हैं और छू सकते हैं।
माउस एक इनपुट डिवाइस है, जिसे आमतौर पर Pointing Device के नाम से जाना जाता है। इसका उपयोग मुख्यता कंप्यूटर स्क्रीन पर आइटम्स को चुनने, उनकी ओर जाने और उन्हें खोलने या बंद करने में किया जाता है। माउस के द्वारा उपयोगकर्ता कंप्यूटर को निर्देश देता है और इसकी मदद से उपयोगकर्ता कंप्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुँच सकता है।
स्कैनर एक इनपुट उपकरण है जो फोटोग्राफ और टेक्स्ट जैसे दस्तावेज़ों को यादृच्छिक तस्वीर में बदलता है। स्कैनर्स कई प्रकार के होते हैं जो उनके डिज़ाइन और स्कैनिंग मेकेनिज़्म के आधार पर विभाजित होते हैं। जब हम कोई दस्तावेज़ स्कैन करते हैं, तो पहले उस दस्तावेज़ को डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित किया जाता है और फिर उस इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्कैनिंग की जाती है।
माइक्रोफोन एक ऐसा इनपुट उपकरण है जो आवाज को विद्युत सिग्नल में बदलने का काम करता है। इसकी मदद से हम कंप्यूटर, मोबाइल या अन्य उपकरण को अपनी आवाज से ऑडियो इनपुट दे सकते हैं। यानी यह एक तरीका है कंप्यूटर को इनपुट देने का। इसलिए इसे इनपुट उपकरणों की श्रेणी में रखा गया है।
मॉनिटर कंप्यूटर की एक महत्वपूर्ण उत्पाद है जो कंप्यूटर के डाटा को स्क्रीन पर दिखाता है। इसे हम विज़ुअल डिस्प्ले यूनिट के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि यह स्क्रीन पर जानकारी को दिखाता है।
मॉनिटर कंप्यूटर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कंप्यूटर के बिना अधूरा है। जब तक हमें पता नहीं होगा कि कंप्यूटर में क्या चल रहा है, तब तक हम कंप्यूटर में काम नहीं कर पाएंगे।
प्रिंटर एक कंप्यूटर Hardware उपकरण है। इसका उपयोग कंप्यूटर में संग्रहित जानकारी को पेपर पर छापने के लिए किया जाता है। यह कंप्यूटर में संग्रहित किसी भी फोटो, पाठ और दस्तावेज़ आदि को प्रिंट कर सकता है। इसलिए इसे हम अलग से खरीदना पड़ता है। प्रिंटर के न होने से कंप्यूटर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन हमें हार्ड कॉपी निकालने के लिए एक प्रिंटर की आवश्यकता होती है।
स्पीकर एक कंप्यूटर Hardware आउटपुट उपकरण है, जिसका उपयोग कंप्यूटर से जुड़कर ध्वनि को सुनने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से हम कंप्यूटर से आने वाली आवाज़, संगीत, वीडियो और अन्य ध्वनियों को सुनते हैं। स्पीकर को आमतौर पर कंप्यूटर के साथ संगठित रूप से इस्तेमाल किया जाता है और इसे आउटपुट यूनिट की श्रेणी में रखा जाता है। स्पीकर की गुणवत्ता और प्रभावशीलता का आपके ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे ध्वनि का अनुभव सीधे प्रभावित करता है।
एक्सपेंशन कार्ड एक ऐसा कार्ड या एडाप्टर होता है जो कंप्यूटर की सामरिक क्षमता को बढ़ाने और कंप्यूटर को और उपयुक्त बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए हम एक्सपेंशन कार्ड का उपयोग करते हैं। ये कार्ड सिस्टम की क्षमता को बढ़ाने में काफी मददगार होते हैं और कंप्यूटर को और विशेष करने में मदद करते हैं
ग्राफिक कार्ड एक कंप्यूटर Hardware का टुकड़ा होता है, जो सभी ग्राफिक्स को मॉनिटर पर दिखाता है। हमारे कंप्यूटर स्क्रीन पर जो भी ग्राफिक्स दिखते हैं, जैसे – तस्वीरें, वीडियो, एनिमेशन आदि, उन सभी को दिखाने का काम इस ग्राफिक कार्ड का होता है। इसके लिए यह ग्राफिकल डेटा को सिग्नल में बदलता है, जिससे मॉनिटर उसे समझ पाता है
साउंड कार्ड एक एक्सपेंशन कार्ड होता है, जो कंप्यूटर के ऑडियो इनपुट और आउटपुट के लिए जवाबदेह होता है। जब हम अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में कोई वीडियो चलाते हैं, तो स्पीकर या हेडफ़ोन के माध्यम से आवाज सुनाई देती है, और इसे साउंड कार्ड के जरिए ही उपलब्ध कराया जाता है।
हम कंप्यूटर में अपनी आवश्यकता के अनुसार अलग से बाहरी साउंड कार्ड जोड़ सकते हैं। हम ब्रेकआउट बॉक्स भी उपयोग कर सकते हैं, जिसमें कई कनेक्टर्स और बिल्ट-इन साउंड कार्ड होता है। इस बॉक्स को आप Firewire या USB पोर्ट के माध्यम से कनेक्ट कर सकते हैं ।
NIC (Network Interface Card) एक महत्वपूर्ण कंप्यूटर Hardware है। यह एक ऐसा घटक है जो बिना कंप्यूटर को इंटरनेट या किसी अन्य कंप्यूटर नेटवर्क से जोड़ा नहीं जा सकता। NIC कंप्यूटर में स्थापित एक सर्किट बोर्ड होता है, जो कंप्यूटर को नेटवर्क के साथ जोड़ने के लिए एक इंटरफ़ेस प्रदान करता है। NIC की मदद से कंप्यूटर को इथरनेट केबल का उपयोग करके इंटरनेट या किसी अन्य नेटवर्क से जोड़ा जाता है। आमतौर पर यह केबल एक राउटर या मोडेम से जुड़ा होता है, जिससे कंप्यूटर को ब्रॉडबैंड कनेक्शन प्रदान किया जाता है। NIC को आमतौर पर नेटवर्क इंटरफ़ेस कंट्रोलर, नेटवर्क एडाप्टर या लैन एडाप्टर के नाम से भी जाना जाता है
कंप्यूटर पोर्ट एक ऐसा जगह होती है जिसका उपयोग कंप्यूटर (सीपीयू) को अन्य यंत्रों से जोड़ने के लिए किया जाता है। ये पोर्ट विभिन्न प्रकार के आंतरिक यंत्रों जैसे हार्ड डिस्क, डीवीडी प्लेयर और बाहरी यंत्रों जैसे कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, मॉनिटर आदि को मदरबोर्ड से जोड़ने के लिए किया जाता है।
USB का फुल फॉर्म Universal Serial Bus है, यह एक ऐसा पोर्ट है जिसका उपयोग विभिन्न डिवाइसों को आसानी से कनेक्ट करने और उनके बीच पावर और डाटा को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। यह वास्तविकता में एक औद्योगिक मानक है जो विभिन्न उपकरणों के बीच कनेक्शन स्थापित करने के लिए इस्तेमाल होता है।
यह 19-पिन वाला पोर्ट होता है जिसके माध्यम से हम HDMI केबल को उपकरणों से जोड़ते हैं। यह पोर्ट कंप्यूटर, मॉनिटर, प्रोजेक्टर और अन्य उपकरणों के पीछे होता है।
HDMI केबल इस पोर्ट के माध्यम से उपकरणों को उच्च गुणवत्ता वाली साउंड और वीडियो प्रदान करता है। बिना इस पोर्ट के, केबल को जोड़ना और उच्च गुणवत्ता का लाभ उठाना मुश्किल होता है।
एक तकनीकी साधन होता है जो डिजिटल डेटा को नेटवर्क में भेजने और प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। इसका उपयोग कंप्यूटर या अन्य उपकरण को लैन (LAN) या वाईफ़ाई नेटवर्क के साथ जोड़ने के लिए किया जाता है।
मदरबोर्ड कंप्यूटर की सबसे महत्वपूर्ण भाग होती है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बोर्ड होता है जिसपर अन्य कंपोनेंट्स जैसे रैम, प्रोसेसर, सीएमओएस, एचडीडी आदि जुड़े होते हैं। मदरबोर्ड एक हब की तरह काम करता है, जिसमें अलग-अलग पोर्ट्स होते हैं जिससे कंप्यूटर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ा जा सकता है। इस बोर्ड पर विभिन्न उपकरण आपस में कनेक्ट होते हैं जिससे उन्हें आपस में संवाद करने की सुविधा होती है।
एसएमपीएस (एसएमपीएस) वह हॉर्डवेयर होता है जिसे हम पावर सप्लाई भी कहते हैं। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है जो कंप्यूटर के लिए एक महत्वपूर्ण घटक होता है। एसएमपीएस एक तरह का सर्किट होता है जो नॉर्मल एसी करंट को निचले डीसी में बदलता है।
हीट सिंक एक उपकरण है जो इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की अनचाही गर्मी को दूर करने के लिए उपयोग होता है। जब कोई सिस्टम गर्म होता है, तो हीट सिंक उष्मा को धीरे-धीरे दूर ले जाकर सिस्टम को ओवरहीटिंग से बचाता है। इस तरीके से हीट सिंक सिस्टम को ठंडा करने में मदद करता है और सिस्टम को बेहतर और लंबे समय तक काम करने में सहायता प्रदान करता है।
आजकल हम हर्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के बारे में बहुत सुनते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों के बीच में क्या अंतर होता है? Hardware और सॉफ़्टवेयर दोनों ही कंप्यूटर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
Hardware वह भौतिक भाग होता है जो कंप्यूटर की बनावट तैयार करता है। वहीं सॉफ़्टवेयर निर्देशों और प्रोग्रामों का समूह होता है जो कंप्यूटर को निर्देश देता है।
Hardware को हम देख सकते हैं, छू सकते हैं और महसूस भी सकते हैं क्योंकि यह भौतिक तत्व होता है। वहीं सॉफ़्टवेयर को हम देख नहीं सकते हैं, छू नहीं सकते हैं और महसूस भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह कंप्यूटर में संग्रहीत प्रोग्राम होता है।
Hardware को बनाने के लिए बहुत सारे कंप्यूटर कॉम्पोनेंट्स का समावेश होता है जबकि सॉफ़्टवेयर के निर्देश प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे जाते हैं।
Hardware का काम होता है कि वह कंप्यूटर को ठंडा रखें और सॉफ़्टवेयर के द्वारा कंप्यूटर को चलाने में मदद करें। सॉफ़्टवेयर आपके कंप्यूटर को समझने और उस पर कार्य करने के निर्देश प्रदान करता है। यह बनावट के साथ संबंधित नहीं होता, बल्कि यह प्रोग्राम और डेटा संग्रहित करता है जिसे आप कंप्यूटर पर चला सकते हैं। सॉफ़्टवेयर के बिना, कंप्यूटर काम नहीं कर सकता। सॉफ़्टवेयर आपको विभिन्न कार्यों के लिए उपयोगी उपकरण प्रदान करता है, जैसे कि आप MS Word या Photoshop का उपयोग करके दस्तावेज़ बना सकते हैं या छवि संपादित कर सकते हैं। सोफ़्टवेयर के माध्यम से, आप अपने कंप्यूटर को अपने आवश्यकतानुसार तैयार कर सकते हैं और उसे विभिन्न कार्यों के लिए उपयुक्त बना सकते हैं।
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इस लेख में मैंने आपको कंप्यूटर की Hardware के बारे में सभी जानकारी दी है। Hardware वह भाग होता है जो कंप्यूटर को बनावट देता है और कार्य करने में मदद करता है। Hardware के भागों की सूची, उनके कार्य और विभिन्न प्रकार की जानकारी दी गई है। साथ ही, Hardware और सॉफ्टवेयर के बीच में अंतर के बारे में भी बताया गया है। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए सरल और समझने में आसान रहा होगा। अगर आपके पास कंप्यूटर Hardware से संबंधित कोई सवाल हो, तो आप कमेंट द्वारा पूछ सकते हैं।