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Storage devices of computer हिन्दी में

हम सभी अपने फोन या computer या किसी अन्य digital device में data storage करने के लिए Storage device का use किया जाता है जैसे Memory card, Pen drive, Hard Disk. पर क्या आप जानते है. इन devices से पहले Data storage के लिए कोन-कोन सी Devices का use किया जाता था Data storage की क्या journey रही और इनकी क्या History थी । और आने वाले समय में Data storage की कोन-कोन सी technology सामने आएगी। तो जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़िये ।

हम सभी जानते है कि Data, Binary digit 0 और 1 होता है और यह किसी भी format में हो सकता है जैसे Text Document, Image, Audio और Video, Software programs, और इस data को store करने के लिए सभी को Storage device की जरूरत पड़ती है पर आज के समय में लगभग सभी लोग अपने data को store करने के लिए Hard disk, Pen drive, Memory Card और SSD जैसी Devices को use करते है और इसके अलावा कुछ लोग अपना Data Cloud storage पर भी save करने लगे है पर क्या आपको पता है कि इन devices से पहले data store करने के लिए कोन-कोन सी devices का उपयोग किया जाता था और इन devices में कितना data store किया जा सकता था ।

History of Storage devices

Selectron tube

यह सबसे पहली digital data Storage devices थी इसे RCA रेडियो कॉर्पोरेशन ऑफ अमेरिका ने 1946 में बनाया था यह tube 256 से 4096 bits store कर सकता था । मतलब यह 32 bytes से 512 bytes storage capacity के साथ आता था । इसके size की बात करें तो इसकी Height 10 इंच और wide 3-4 इंच थी। पर यह महँगा होने की वजह से इसकी उत्पादन को बढ़ाया नहीं गया और यह Selectron tube सफल नहीं हो पाया ।

Punch card

Punch card data store करने के लिए पहला Mechanical method था। यह punch card एक hard paper का pic होता था इसमें Data को store करने के लिए card पर पहले से अंकित किए गए स्थान पर holes किए जाते थे और इन्हीं holes के स्थानों के हिसाब से data को read किया जाता था ।  जब computer का युग शुरू हो रहा था तो Punch card को Programming और data storage के लिए उपयोग किया जाता था । अगर Punch card की storage capacity की बात करें तो एक Punch card 80 characters को store कर सकता था । 1970 के दशक में Punch card का उपयोग computer के लिए किया जा रहा था पर इस से पहले punch card का उपयोग loom और पियानो जैसे यांत्रिक उपकरणों को प्रोग्राम करने के लिए किया जाता था। loom एक मशीन है जिसका उपयोग कपड़ा और टेपेस्ट्री बुनाई के लिए किया जाता है। हालांकि आज punch card को हम storage के लिए use नहीं करते है पर अभी भी punch card का उपयोग मतदान में data को store करने के लिए किया जाता है। और punch card की तरह ही Punched tape को बनाया गया और यह tape loom machine को program करने के लिए उपयोग होता था पर बाद में कंप्यूटर के लिए, पंच टेप का उपयोग डटा इनपुट के लिए किया जाने लगा ।

Magnetic Drum memory

Magnetic Drum Storage devices का आविष्कार 1932 में गुस्ताव टौशेक द्वारा ऑस्ट्रिया में किया गया था। इस drum की storage capacity लगभग 10 kb थी। और यह drum 16 इंच लंबा होता था इसमें 40 track बने हुये थे । पर अभी यह computing में उपयोग नहीं किया जाता था लेकिन जब तक अमेरिकी नौसेना के कोडब्रेकर्स ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विकसित किया तब यह 1950 और 1960 के दशक में main computer memory के रूप में उपयोग किया जाने लगा।

Williams-Kilburn Tube

Williams-Kilburn Tube दुनिया की सबसे पहली RAM है इसे एक storage devices भी माना जाता है सबसे पहली Tube में 1024 bits या 128 bytes होते थे और इस Tube की storage capacity 128 characters की थी । इस Tube का आविष्कार 1947 में हुआ था और यह पहली Electronic data store करने बाली device बनी । और यह Device 16 इंच लंबी, 6 इंच चौड़ी थी । और जब इसको विकसित किया गया था तब technology ज़ोरों-सोरों से बढ़ रही थी और इसका उपयोग लंबे समय तक नहीं हो पाया क्यूकी कुछ समय बाद बेहतर technology को विकसित किया गया और उस नई Technology ने इस Tube की जगह ले ली ।

Magnetic Tape Drive

Magnetic Tape के बारे में मुझे नहीं लगता कि आपको ज्यादा बताने की जरूरत है । क्यूकी कभी न कभी आपने गाने सुनने व Video देखने के लिए VHS और कैसेट टेप को जरूर उपयोग में लिया होगा । जब भी Magnetic Tape  memory के बारे में बात होती तो बिना कैसेट के हम इसे explain नहीं कर सकते क्यूकी कैसेट में ही Magnetic Tape को रोल किया जाता था  Magnetic Tape में data को read write व मिटाने के लिए टेप को Head के पास से गुजारा जाता था । इसका आविष्कार जर्मनी में 1928 में किया गया था पर मैग्नेटिक टेप का इस्तेमाल पहली बार 1951 में एकर्ट-मौचली IVA पर Data store करने के लिए किया गया था। इसमे करीब 1200 फुट की एक टेप होती थी जो एक जगह रोल की हुई होती थी और उसे धूमाने के लिए मोटर का इस्तेमाल किया जाता था । और यह 90 मिनट की टेप अपने एक एक साइड पर 660 KB Data store करती थी मतलब कैसेट के दोनों साइड का डाटा लगभग 1320 KB data store कर सकता था ।

Magnetic Core memory

(चुंबकीय कोर मेमोरी) इसका आविष्कार 1951 में किया गया था। चुंबकीय कोर मेमोरी का उपयोग पहली बार MIT बवंडर कंप्यूटर में किया गया था। इसमे छोटे छोटे Magnetic rings या छ्ल्ले बने हुए थे । जिसे कोर कहा जाता था और प्रत्येक कोर 1-bit memory को store करता था आप इसमें जितने कोर को पैक करते थे उतना ही अधिक data आप इसमें store कर सकते थे । सबसे पहली Magnetic Core memory का storage capacity लगभग 2 KB से थोड़ा अधिक था ।

Hard Disk Drive

दुनिया की सबसे पहली Hard Disk IBM ने 1956 में बनाई थी इसका आकार एक रेफ्रिजरेटर के बराबर था और इसका वजन करीब एक टन था । अगर इस Storage devices की capacity के बारे में बात करें तो यह केवल 3.75 MB data store कर सकता थी । मतलब यह Hard disk केवल एक  MP3 song को store करती थी । बाद में इसकी technology को और विकसित किया गया और 1980 में IBM ने Hard drive का नया model 3380 निकाला और इसकी storage capacity करीब 2.52 GB तक की थी । पर आज के समय में Hard disk की technology इतनी विकसित हुई है कि आज किसी भी तरह का डाटा store करने के लिए Hard disk सबसे लोकप्रिय है आज इसे हम आसानी से कभी भी ले जा सकते है और इनमें storage capacity भी काफी बढ़ गई है । आज यह technology इतनी बढ़ गई है कि Samsung द्वारा बनाई गई SSD का size 2.5 इंच है और यह करीब 16 tera byte data को store कर सकता है ।

Floppy Disk

इसे 1967 में IBM के सैन जोस प्रयोगशाला में बनाया गया था सबसे पहली floppy disk का size 8 इंच था और इसकी storage capacity 80KB की थी । यह एक Magnetic disk थी जो वास्तव में पहले यह खुला हुआ था मतलब यह पूरी तरह से खुली हुई थी। इसका नाम Floppy disk इस लिए रखा गया क्यूकी इसकी Magnetic disk लचीली थी । और इस पर खरोच, धूल और गंदगी से बचाने के लिए और इसके अलग अलग size होने के कारण  इस पर प्लास्टिक का कवर चढ़ाया गया । 1978 तक कुछ floppy disk 5.25 आकार की हुआ करती थी लेकिन आपने  3.5 इंच की disk तो देखा होगा और शायद आपने इसका उपयोग भी किया होगा । 70 के दशक में Floppy disk पोर्टेबल डेटा स्टोरेज करने की सबसे अच्छी Device थी इसका उपयोग बहुत लोकप्रिय हुआ था। भले ही आज हम इसका उपयोग data store करने के लिए नहीं करते है पर अभी भी अमेरिका के परमाणु केन्द्रों पर इसका उपयोग data store करने के लिए किया जाता है।

CD

इसका पूरा नाम compact disk है compact disk को सन 1982 में Sony और flips द्वारा विकसित किया गया था। इस डिस्क का व्यास केवल 12 सेंटीमीटर था जब इसे पहली बार launch किया गया था तो इस CD में उस समय की हार्ड डिस्क की तुलना में काफी अधिक data store कर के रखा जा सकता था । इस CD में से data को read व data को store करने के लिए CD Drive में डाला जाता था CD drive में मौजूद Head CD की सतह पर लेजर बीम को डालता था जिस से Data को read write किया जाता था। यह Compact Disc इतना लोकप्रिय हुआ था कि उस समय 1980 के दशक में CD ने music industry में क्रांति ला दी थी । और धीरे-धीरे इसने कैसेट की जगह ले ली थी अब लोग कैसेट की जगह पर CD का use करना ज्यादा पसंद करने लगे थे । अगर इसके storage capacity की बात करें तो एक CD 650 से 700 MB तक का Data store कर के रख सकती है।

DVD

इसका पूरा नाम Digital Video disk है । इसे Sony और फिल्प्स ने 1995 में बनाया था। DVD एक तरह से CD की तरह ही ऑप्टिकल कार्यों का उपयोग करके डेटा को store करता है,  पर DVD drive में मौजूद Head DVD की सतह पर लाल  लेजर बीम को डाल कर इसमे डाटा को read करता था पर इसमे CD की तुलना में काफी बेहतर storage capacity होती है । अगर इसके storage capacity की बात करें तो सबसे पहली DVD में 1.46 GB data store किया जा सकता था पर बाद में इसे और विकसित कर के इसकी storage capacity को 9.4 GB कर दिया गया ।  DVD के आने के बाद इसने Films industry को बदल दिया था और इसने VHS को हटा कर अपनी जगह बना ली थी ।

SD card

इसका पूरा नाम Secure digital card है अब इसके बार में तो सभी को पता होगा कि SD card क्या होता है आज कल सभी लोग SD card का उपयोग करते है । इसको सन 1999 में SanDisk, Panasonic और Toshiba द्वारा विकसित किया गया था । SD card Flash memory का उपयोग करते हैं जो floating gate ट्रांजिस्टर से बने cells में data store करता है। card के छोटे और पतले होने के कारण उन्हें उन्हें डिजिटल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए काफी use किया गया । और जैसे-जैसे इसकी popularity बढ़ती गई फिर इसके Mini और Micro size को जारी किया गया ।

USB Flash Drive

USB Flash Drive का आविष्कार इज़राइल की M-Systems company ने सन 1999 में किया था । इसे लोग कई नामों से जानते है जैसे Thumb drive, Pen Drive, Jump drive, Memory stick, इसके और भी कई नाम है यह बिलकुल SD card की तरह ही काम करते है पर इसे computer के USB port में plug करने उपयोग  करने की सुविधा होने के कारण इसका नाम USB flash drive कहते है और यह Portable होने के कारण काफी लोकप्रिय हो गया । अगर इसकी storage capacity की बात करें तो यह आज के समय में अलग-अलग storage capacity के साथ आते है पर सबसे पहली USB flash drive storage capacity 8MB थी । इसके अलावा दुनिया की सबसे बड़ी USB Flash Drive में आज 2 TB Data store कर सकते है ।

Blu-ray Optical Disk

ब्लू-रे ऑप्टिकल डिस्क को एक प्रौद्योगिकी उद्योग संघ द्वारा 2003 में विकसित किया गया था। यह भी बिलकुल CD और DVD के समान काम करता है पर इसमें short blue लेज़र wavelength का Use किया जाता है इस लिए इसका नाम Blue ray disk पड़ा । अगर इसके storage capacity की बात करें तो इसने 1080p में 25 GB के हाई डेफिनेशन वीडियो को सपोर्ट और स्टोर किया जा सकता है जो लगभग 36 CD के बराबर होता है ।

Cloud Data Storage

अब आप ये सभी तो जानते होंगे की हम अपना data Cloud storage पर भी save कर सकते है जैसे Google Drive, One Drive जैसे platforms पर हम अपना data store कर सकते है । इसमे सबसे अच्छी बात यह है कि Cloud पर store किए गए data को हम कभी भी और कहीं भी access कर सकते है बस उसके लिए आपके पास Internet connection और Internet को access करने के लिए एक Device होनी चाहिए । अगर इसके storage capacity की बात करें तो यहाँ कोई Fix size नहीं है यह आप पर depend करता है कि आप कोन से plan के लिए कितना दे रहे है अगर आपको लगता है कि आपका Cloud storage space कम है तो आप उसी space को और कीमत दे कर और बढ़ा सकते है ।

चलिये अभी हमने उन सभी Storage devices के बारे में जान लिया है जो हम Data storage के लिए use करते थे या use करते है पर आने बाले वक्त में Data storage की कोन- कोन सी technology होगी। या data storage की journey सिर्फ cloud storage पर ही खत्म हो जाएगी तो

5D Data Storage

तो अब बात करते है 5D Data Storage के बारे में :- सन 2013 में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक 5D ग्लास डिस्क को विकसित किया है। इस डिस्क को नैनोस्ट्रक्टर्ड ग्लास से बनाया जाता है। और Data को फेमटोसेकंड लेजर writing का उपयोग करके store किया जाता है। एक फेमटोसेकंड एक नैनोसेकंड का दस लाखवां हिस्सा होता है अब इसे हम 5d data storage कहते है मतलब इसमें 5 dimension को use किया गया है पर हमने तो सिर्फ 4 dimension के नाम सुने थे जिन्हें हम आयाम कहते है जिनमें से 3 आयाम लंबाई, चोड़ाई और ऊंचाई है और चोथा आयाम समय का होता है। अब इन चार आयामों को स्पेसटाइम कहा जाता है । और यही हमें भ्रम में डालता है की क्या हम इस future technology से Data को space-time में store करने बाले है । पर ऐसा नहीं है साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई 5D disk के अंदर 3 परतों पर छोटे-छोटे पैटर्न को place किया गया है जिस Angel से इन्हें देखा जाता है, उस आधार पर, ये पैटर्न पूरी तरह से अलग दिखते हैं। इसके समझना थोड़ा सा मुसकिल है पर सरल शब्दों में समझा जाये तो यह एक fancy optical illusion है । अगर हम CD और DVD की बात करें तो इनमे लाइनों का गुच्छा होता है जिन्हें हम Track भी कहते है और हर line पर bumps होते है और प्रत्येक bump red लेजर से read किया जाता है । जहां उसे bump मिलता है वह Binary में 1 होता है और जहां bump नहीं होता है वहाँ 0 होता है और हम सभी जानते है Data हमेसा binary digit 0,1 में ही store होता है । तो ग्लास डिस्क में बने bumps को laser नैनोमीटर संरचना बनाने के लिए तीन परतों में बाँट देता है। जिसे केवल laser ही read कर सकता है। इसी तरह से एक ग्लास डिस्क की 3 layers में डाटा को store किया जाता है। अब बात करते है की एक ग्लास डिस्क की storage capacity कितनी होती है यह disk अपने अंदर कितना Data store कर सकती है । अगर बात की  जाये तो एक Blue ray disk 128 GB तक data store कर सकती है पर एक Glass disk 360 Tera Byte data store कर सकती है । अगर इसे CD से compare किया जाये तो लगभग 3000 cd का data एक glass disk में आ जाएगा और अगर इसके life की बात की जाए तो एक glass disk का पूरा जीवन earth के 2 जीवन के बराबर है । 


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मुझे पूरी आशा है कि आप लोगों को इन सभी Storage devices के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी । आप सभी से गुजारिश है कि आप लोग इस जानकारी को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, के साथ share करें , जिससे कि हमारे बीच जागरूकता होगी और ज्ञान बढ़ेगा । अगर आप लोगों को किसी भी तरह का Doubt है तो आप मुझे बेझिझक comment कर के पूछ सकते है । में पूरी कोशिश करूंगा कि आपके सवाल का जवाब दे सकूँ । और इस post को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद ।

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