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यह एक हिंदी ब्लॉग है इस ब्लॉग पर आपको कम्प्यूटर, Internet, मोबाइल और अन्य सभी टेक्नॉलजी से सम्बंधित जानकरी हिंदी में मिलती है।
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Creative Innovative Informative
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Linux kya hai, इस विषय में आपको ज्ञान है? किसी भी उपकरण, चाहे वह स्मार्टफोन से कार तक हो, सुपरकंप्यूटर या घरेलू उपयोग के उपकरणों में, Linux का ऑपरेटिंग सिस्टम हर जगह मौजूद है। हालांकि हमें इसके बारे में बहुत ज्ञान न हो, लेकिन हमेशा से हम इसका उपयोग कर रहे हैं।
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की उम्र करीब 30 साल से भी अधिक हो चुकी है। यह मध्य 90 के दशक में सबसे पहले हमारे बीच आया था। इसके कारण, इसकी उपयोगिता के कारण यह पूरी तरह से अपनी स्थापिति बनाई हुई है और आगे भी बढ़ती रहेगी।
जिन लोगों ने पहले से ही Linux ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया होगा, उन्हें इसकी उपयोगिता के बारे में पता होगा, लेकिन जो लोग अभी तक इसके परिचय में नए हैं, मैं उन्हें यह बताना चाहता हूं कि हम इसे अधिकांश उपकरणों में उपयोग करते हैं, जिन्हें हम आमतौर पर उपयोग करते हैं। इसके साथ-साथ, यह प्रायः पूरे इंटरनेट सर्वरों में और यहां तक कि स्टॉक एक्सचेंज में भी उपयोग में लाया जाता है।
लिनक्स कर्नल के मुख्य कारण से यह अधिक विश्वसनीय, सुरक्षित और त्रुटिहीन ऑपरेटिंग सिस्टम माना जाता है, और एक और बात, यह पूरी तरह से ओपन सोर्स और मुफ्त है, जो डेवलपर्स को इसे अपनी पसंद के अनुसार अनुकूलित करने में मदद करता है।
इसलिए, आज मैंने सोचा कि आइए हम आपको Linux के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करें, ताकि आपको भी इस शानदार ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हो। तो फिर देर किस बात की, चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है।
लिनक्स, UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम का एक अत्यंत प्रसिद्ध version है। यह एक Open Source Software है क्योंकि इसका Source Code इंटरनेट पर मुफ्त उपलब्ध है। इसके साथ-साथ, आप इसे पूरी तरह से मुफ्त में उपयोग कर सकते हैं, इसका अर्थ है कि यह पूरी तरह से free है।
Linux को यूनिक्स के compatibility को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया था। इसलिए, इसकी कार्यात्मकता सूची बहुत हद तक यूनिक् से मेल खाती है। लिनक्स ओएस ओपन सोर्स होने के कारण डेवलपर्स इसे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार customize कर सकते हैं। इसके साथ, यह कंप्यूटर के लिए Extremely reliable ऑपरेटिंग सिस्टम है।
Linux के मालिक Linus Torvalds हैं। चूंकि Linux का लाइसेंस ओपन सोर्स है, इसलिए Linux किसी भी व्यक्ति के लिए मुफ्त उपलब्ध है। हालांकि, “Linux” नाम का ट्रेडमार्क सिर्फ इसके निर्माता, Linus Torvalds को ही dedicated है। Linux ओएस के स्रोत कोड का copyright अनेक व्यक्तिगत लेखकों के नाम में होता है, इसलिए इसे समूहिक रूप से GPLv2 लाइसेंस के अंतर्गत रखा गया है।
Linux के पीछे एक बहुत बड़े समूह का हाथ है जिन्होंने इसे विकसित करने में अपना योगदान दिया है और जिसमें काफी समय लगा, इसके कारण उनसे संपर्क स्थापित करना भी संभव नहीं है। इसलिए, Linux के लाइसेंस को GPLv2 के तहत शामिल किया गया है, जिसमें सभी सहमत हैं।
Linux को Linus Torvalds ने 1991 में बनाया था, जब वे University of Helsinki के एक विद्यार्थी थे। Torvalds ने Linux को Minix OS का एक मुक्त और ओपन सोर्स विकल्प बनाया था, जो एक और Unix क्लोन था और मुख्य रूप से Educational Settings में उपयोग किया जाता था।
वे सबसे पहले इसे “Freax” नाम देने का सोच रहे थे, लेकिन जिस सर्वर के प्रशासक ने उनके मूल कोड को वितरित करने के लिए चुना था, उसने उनके निर्देशिका का नाम “Linux” रखा था, जो तोरवाल्ड्स के पहले नाम और Unix का एक combination था। यह नाम सुनने में बहुत अच्छा लगा और बाद में इसे बदलने की कोशिश नहीं की गई।
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रमुख रूप से तीन घटक (components) होते हैं
कर्नेल लिनक्स का मुख्य अंग होता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम में हो रही सभी प्रमुख गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें अन्य मॉड्यूल्स भी मौजूद होते हैं और यह low level हार्डवेयर के साथ सीधे communicate करता है।
कर्नेल हार्डवेयर के स्तर की विस्तृत जानकारी को सिस्टम या एप्लिकेशन प्रोग्राम्स तक पहुंचने से रोकता है,
System Library के रूप में विशेष फंक्शन या प्रोग्राम्स को कहा जाता है जिन्हें एप्लिकेशन प्रोग्राम्स या System Library कर्नेल की सुविधाओं का उपयोग करते हैं। ये Library ऑपरेटिंग सिस्टम की प्राय सभी गतिविधियों को अमल में लाती हैं और इसके लिए कर्नेल मॉड्यूल कोड के पहुंच अधिकार की आवश्यकता नहीं होती है।
System Utility को वे प्रोग्राम्स कहा जाता हैं जो specialized, individual standard पर कार्य करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
यहां मैं आपको लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ महत्वपूर्ण फीचर्स के बारे में बता रहा हूँ।
पोर्टेबिलिटी का मतलब है कि यह सॉफ्टवेयर सभी प्रकार के हार्डवेयर में ठीक से चल सकता है। लिनक्स कर्नेल और एप्लिकेशन प्रोग्राम्स लगभग सभी हार्डवेयर प्लेटफॉर्म का support करते हैं।
लिनक्स स्रोत कोड (Source code) मुफ्त उपलब्ध होता है और यह एक Community Development Project है। इससे कई टीमें सहयोग करके काम करती हैं, जिससे Linux ऑपरेटिंग सिस्टम की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और इसलिए यह हमेशा विकसित हो रहा है।
Linux एक मल्टीयूजर सिस्टम है, जिसका मतलब है कि कई उपयोगकर्ता एक ही समय में इसके सभी सिस्टम संसाधनों जैसे मेमोरी/ रैम/ एप्लिकेशन प्रोग्राम्स का उपयोग कर सकते हैं।
Linux एक मल्टीप्रोग्रामिंग सिस्टम है, जिसका मतलब है कि कई एप्लिकेशन एक साथ में चल सकती हैं और वह भी एक ही समय में।
Linux एक Standard file structure प्रदान करता है, जिससे सिस्टम फ़ाइल्स/ उपयोगकर्ता फ़ाइल्स को आसानी से व्यवस्थित किया जा सकता है।
Linux एक विशेष इंटरप्रेटर प्रोग्राम भी प्रदान करता है, जिसका उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम के कमांड्स को निष्पादित करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही, इसका उपयोग अलग-अलग ऑपरेशन कॉल एप्लिकेशन प्रोग्राम्स को करने के लिए भी किया जाता है।
Linux अच्छी Security Features भी प्रदान करता है, जैसे कि Password Protection, डेटा Encryption आदि।
1. Hardware Layer– इस हार्डवेयर लेयर में सभी पेरिफेरल उपकरण (RAM/ HDD/ CPU आदि) मौजूद होते हैं।
2. Kernel– यह ओएस का मुख्य घटक होता है, जो हार्डवेयर के साथ सीधे संपर्क करता है और उच्चतर स्तरीय घटकों को निम्नस्तरीय सेवा प्रदान करता है।
3. Shell-यह कर्नल का एक इंटरफ़ेस होता है, जो उपयोगकर्ताओं के लिए कर्नल के फ़ंक्शन की complexity को छिपाता है। यह Shell उपयोगकर्ताओं से कमांड्स लेता है और Kernal के Functions को performed करता है।
4. Useful tools- यह उपयोगी साधन प्रोग्राम्स उन्हें कहा जाता हैं जो उपयोगकर्ताओं को ऑपरेटिंग सिस्टम की सभी विशेषताओं को प्रदान करती हैं।
1. Linux ऑपरेटिंग सिस्टम को सीखना आसान नहीं होता है। विंडोज का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ता इसे आसानी से नहीं सीख सकते।
2. इसमें High Quality वाले Games को चलाने में परेशानी होती है।
3. विंडोज और मैक की तुलना में लिनक्स का तकनीकी सहायता अच्छा नहीं होता है। क्योंकि लिनक्स में किसी भी प्रकार का Customer Support नहीं दी जाती है। इसके परिणामस्वरूप लिनक्स सिस्टम के उपयोगकर्ता Customer Care के माध्यम से समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते।
4. Hibernation सभी ऑपरेटिंग सिस्टम में एक अच्छी सुविधा मानी जाती है। Hibernation कार्यों को तेजी से शुरू करने में मदद करता है और उपयोगकर्ता का समय बचाता है। लेकिन लिनक्स में यह Option उपलब्ध नहीं है।
5. इसमें bug और Errors का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।
अब चलिए जानते हैं कि आखिर Linux और Windows ऑपरेटिंग सिस्टम में अंतर है।
Windows | Linux |
Windows में अलग-अलग data drives जैसे C: D: E का उपयोग files और folders को संग्रहित करने के लिए किया जाता है। | वहीँ Linux एक tree के सामान्य hierarchical फ़ाइल सिस्टम का उपयोग करती है। |
Windows में अलग-अलग drives होते हैं जैसे C: D: E | यहां कोई अलग drives नहीं होते हैं। |
Hard drives, CD-ROMs, printers को devices माना जाता है। | वहीँ Linux में Peripherals जैसे hard drives, CD-ROMs, printers को फ़ाइलें माना जाता है। |
Windows में 4 प्रकार के user account types होते हैं: 1) Administrator, 2) Standard, 3) Child, 4) Guest | यहां 3 प्रकार के user account types होते हैं: 1) Regular, 2) Root, और 3) Service Account |
Windows में Administrator user के पास सभी administrative privileges होते हैं | वहीँ Linux में केवल Root user ही सुपर यूज़र होता है और उसके पास ही सभी administrative privileges होते हैं। |
Windows में हम एक ही नाम के 2 फ़ाइलें एक ही फ़ोल्डर में नहीं रख सकते हैं। | वहीँ Linux में फ़ाइल नेमिंग कनवेंशन case-sensitive होता है। इसलिए आप दो फ़ाइलें एक ही नाम के फ़ोल्डर में रख सकते हैं। |
Windows में “My Documents” डिफ़ॉल्ट होम डिरेक्टरी होता है। | वहीँ Linux में सभी उपयोगकर्ताओं के लिए “/home/username” डायरेक्टरी बनाई जाती है, जिसे उनकी होम डायरेक्टरी कहा जाता है। |
Windows Closed Source सॉफ़्टवेयर होते हैं। | यहां Linux Open Source सॉफ़्टवेयर होते हैं। |
Windows अधिक सुरक्षित नहीं होते हैं, और यहां वायरस आक्रमण, मैलवेयर, वर्म्स आदि होना आम बात है। | वहीँ Linux बहुत अधिक सुरक्षित होते हैं और यहां ऐसे वायरस आक्रमण का कोई प्रवाह नहीं होता है। |
Windows सिंगल यूज़र होते हैं और मल्टीटास्किंग करते हैं। | वहीँ Linux मल्टी-यूज़र और मल्टीटास्किंग होते हैं। |
Distribution मतलब हम Linux को Free में Download कर के इस्तेमाल कर सकते है। ये सभी डिस्ट्रीब्यूशन अलग-अलग फीचर्स के साथ मौजूद हैं और आपको भी अपनी आवश्यकताओं के आधार पर इनका चयन करना चाहिए।सभी Linux डिस्ट्रीब्यूशन को आसानी से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है और उसे किसी डिस्क में बर्न करके इंस्टॉल भी किया जा सकता है।
यदि आप लिनक्स के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो मैंने निचे ऐसी वेबसाइटों के लिंक प्रदान किए हैं जो आपको इस superior ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करेंगी।
आपको ये लिंक्स जरूर देखने चाहिए, जहां आप लिनक्स के बारे में अधिक जान सकेंगे:
linux.com/ लिनक्स के बारे में और अधिक जानने के लिए इस website पर जाएँ
linux.org/ अगर आप Linux Operating system चलना सीखना चाहते है इस website पर जा कर Tutorials देख सकते है।
linux.org/pages/download/ Linux operating system download करने के लिए इस website पर जाएँ।
इसका जवाब आज तक नहीं मिला है। दुनिया में ऐसा कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है जो 100% वायरस मुक्त होता हो, हालांकि Linux में अब तक कभी भी व्यापक रूप से मैलवेयर संक्रमण नहीं हुआ है। अगर हम इसे Windows के साथ तुलना करें।
इस बात भी सही है कि Linux ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ता बहुत कम हैं, यदि हम इसे माइक्रोसॉफ्ट उपयोगकर्ताओं के साथ तुलना करें। वायरस और मैलवेयर का मुख्य उद्देश्य अकसर mass destruction होता है। इसलिए कोई प्रोग्रामर अपना मूल्यवान समय कभी व्यर्थ नहीं करेगा, क्योंकि उपयोगकर्ताओं की संख्या बहुत कम होती है। इसी कारण Linux में अधिक वायरस नहीं होते हैं।
Linux की Architecture तकनीकी रूप से बहुत मजबूत होती है, और इसलिए यह Security crises के प्रति बहुत ही प्रतिरोधी होता है। ध्यान दें कि Linux कर्नेल होता है और GNU/Linux एक ऑपरेटिंग सिस्टम होता है।
तकनीकी रूप से, आप Linux सिस्टम को बिना रूट पासवर्ड के या उपयोगकर्ता पासवर्ड के सेटअप नहीं कर सकते हैं। इसका मतलब है कि Linux में प्रत्येक उपयोगकर्ता के पास एक पासवर्ड होता है, केवल ‘गेस्ट’ को छोड़कर। वहीं Windows में एक उपयोगकर्ता कोई प्रोफ़ाइल बिना पासवर्ड के भी बना सकता है।
इन सभी गुणों के कारण Linux ऑपरेटिंग सिस्टम में वायरस और मैलवेयर का खतरा बहुत कम होता है।
चलिए अब जानते हैं कि Linux ऑपरेटिंग सिस्टम के विभिन्न एप्लिकेशन क्या हैं:
– Linux मूवी इंडस्ट्री में एक रेंडर फार्म के रूप में मदद करता है, जहां लाखों मशीनों पर हमेशा सिनेमा बनाया जाता है।
– मेन्यू सिस्टम के लिए टीवी सिस्टम में भी Linux का इस्तेमाल होता है।
– सभी Android मोबाइल Linux प्लेटफ़ॉर्म पर चलते हैं।
– आप अपने घर को ऑटोमेट कर सकते हैं।
– सभी इंटरनेट कनेक्शन राउटर Linux पर चलते हैं।
– छोटे डिस्क स्टोरेज सिस्टम निर्माता भी Linux पर चलते हैं।
– वेब ऐप्स और वेबसाइट होस्टिंग भी Linux पर होती है।
– सभी इंटरनेट सर्वर, डेटाबेस, वेबसाइट्स Linux ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा चलाए और मेंटेन किए जाते हैं।
– सभी स्टॉक एक्सचेंज भी Linux प्लेटफ़ॉर्म पर चलते हैं।
– आप पुराने और स्लो पीसी को भी तेज़ बना सकते हैं।
– सभी ATM में भी भुगतान प्रोसेस के लिए Linux ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग होता है।
– किसी भी वीडियो गेम मशीन के निर्माण और डेडिकेटेड मीडिया सेंटर के लिए इसका उपयोग होता है।
यह सत्य है कि सभी Linux डिस्ट्रीब्यूशन को आसानी से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है और उसे किसी डिस्क में बर्न करके इंस्टॉल भी किया जा सकता है। ही आगामी ऑपरेटिंग सिस्टम का भविष्य है। इसका कारण है कि लिनक्स लगभग सभी नवीनतम Technologies के आधार में है। आप किसी भी भविष्य की technology को बिना लिनक्स के सोचना तक नहीं सकते। Embedded System एक ऐसा उदाहरण है जहां लिनक्स का व्यापक उपयोग किया जाता है और जहां लिनक्स को इन एप्लिकेशनों को बनाने और संभालने के लिए चुना जाता है जो आने वाले समय में विस्तारित हो सकते हैं।
अगले कुछ सालों में, Linux operating system का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में और broad रूप से बढ़ने की संभावना है। यह और अधिक उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने और इसका उपयोग करने के लिए उपयोग में आसानी लाने के लिए नवीनतम तकनीकी उन्नति और industrial समर्थन के साथ आएगी। इसके अलावा, सार्वजनिक संपत्ति की बढ़ती हुई संख्या और एक समर्पित समुदाय के साथ, सभी Linux डिस्ट्रीब्यूशन को आसानी से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है और उसे किसी डिस्क में बर्न करके इंस्टॉल भी किया जा सकता है। विकास और उन्नति के लिए आगे बढ़ सकता है।
मुझे यकीन है कि मैंने आपको Linux के बारे में पूरी जानकारी दी है और मैं आशा करता हूँ कि आपको Linux के बारे में समझ आ गया होगा। की Linux kya hai, मेरी अपील है कि आप इस जानकारी को अपने आस-पास, रिश्तेदारों और मित्रों के साथ साझा करें, जिससे हमारे बीच जागरूकता बढ़ेगी और सभी को लाभ मिलेगा।
मुझे आपकी सहायता की आवश्यकता है ताकि मैं और नई जानकारी आप तक पहुंचा सकूं। मेरा सदैव यही प्रयास रहा है कि मैं अपने पाठकों की हर संभव मदद करूँ,
मैं निश्चित रूप से उन संदेहों का समाधान निकालने की कोशिश करूँगा। आपको यह लेख “लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है” (Linux Operating System in Hindi) कैसा लगा, हमें टिप्पणी देकर जरूर बताएं ताकि हम आपके विचारों से कुछ सीख सकें और सुधार सकें। कृपया इस पोस्ट को Facebook, Twitter आदि सोशल नेटवर्क पर शेयर करके अपनी प्रसन्नता और उत्साह दिखाएं।