Techcalculation
यह एक हिंदी ब्लॉग है इस ब्लॉग पर आपको कम्प्यूटर, Internet, मोबाइल और अन्य सभी टेक्नॉलजी से सम्बंधित जानकरी हिंदी में मिलती है।
यह एक हिंदी ब्लॉग है इस ब्लॉग पर आपको कम्प्यूटर, Internet, मोबाइल और अन्य सभी टेक्नॉलजी से सम्बंधित जानकरी हिंदी में मिलती है।
Creative Innovative Informative
Creative Innovative Informative
अगर आपके पास Computer या Mobile phone है तो आपने Operating system का नाम जरूर सुना होगा पर आपको Operating system के बारे में पूरी जानकारी नहीं है तो आज इस पोस्ट में आपको Operating system के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। कि Operating System क्या होता है और इसका क्या काम होता है और कितने तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम होते है।
अगर सरल भाषा में कहा जाए तो Operating system एक software होता है जो कि system software की category में आता है। ऑपरेटिंग सिस्टम वह होता है जो Computer को काम करने योग्य बनाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोक्ता (Users) और computer Hardware के बीच इंटरफेस का कार्य करता है। तथा अन्य software programs को चलाने में मदद करता है। जैसे MS Office, Browser, Photoshop, Media Player etc. Operating System को हम short form में OS भी कहते है। हर किसी mobile या Computer में एक ऑपरेटिंग सिस्टम जरूर होता है बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के किसी भी Computer Mobile को चलना संभव नहीं है।
Windows OS को Microsoft ने विकसित किया था। यह एक Graphical User Interface (GUI) ऑपरेटिंग सिस्टम है यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को सीखना और इस पर काम करना बहुत आसान है। इस लिए यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया। ज़्यादातर लोग इसे ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाना पसंद करते है इस लिए Schools, Colleges, Office और Personal computer में ज़्यादातर इसी OS को पसंद किया जाता है।
Windows Operating system के प्रमुख version
2. Android: आज कल Android के नाम से कोन परिचित नहीं है। आज लगभग सभी के पास Smart phone होता है और Smart phone में जो ऑपरेटिंग सिस्टम होता है वह Android operating system होता है जिसकी मदद से हम अपने Smart phone और tablet को उपयोग कर पाते है। अगर यह OS हमारे smart phone में नहीं होगा तो हम smart phone को उपयोग नहीं कर पाएंगे।
Android Operating system के प्रमुख version
3. iOS : iOS या इसे हम iPhone operating system भी कह सकते है यह Operating system Apple की Devices जैसे iPhone, iPad और iPod Touch devices को operate करने के लिए उपयोग किया जाता है। security के मामले में यह ऑपरेटिंग सिस्टम सबसे अच्छा माना जाता है।
4. Mac OS: Mac OS Apple के laptop Macintosh पर use होने बाला ऑपरेटिंग सिस्टम है इसे खासकर Apple के laptop के लिए ही बनाया गया है।
5. Linux: यह पर्सनल कम्प्युटर पर install किया जाने बाला ऑपरेटिंग सिस्टम है यह एक Open source operating system है। Open source का मतलब यह है कि इस OS को कोई भी व्यक्ति फ्री में उपयोग कर सकता है और इसमें अपनी हिसाब से कुछ भी बदलाव कर सकता है। Linux OS को personal computer के लिए विकसित किया गया था पर बाद में इसका उपयोग मोबाइल, स्मार्ट टीवी, गेमिंग कंसोल और वाहनों में इसका उपयोग होने लगा। इसके साथ- साथ Linux OS का उपयोग Networking, Internet server के लिए किया जाता है क्यूकी Windows OS की तुलना में Linux OS काफी सुरक्षित होता है। इसमें स्पाइवेयर, ट्रॉजन, एडवेयर आदि वायरस आने का खतरा नहीं होता है।
Linux OS के कुछ नाम
1. Memory Management: Memory Management या मेमोरी प्रबंधन का काम होता है मेमोरी को संभालना। जब Computer on होता है तो ऑपरेटिंग सिस्टम के जरूरी program RAM यानी कि Primary Memory पर ही चलते है और इसके अलावा Memory Management का काम होता है कि वह Primary memory और Secondary Memory के बीच memory को आगे- पीछे करते रहे ।
2. Processor Management: इसमें OS तय करता है कि किस प्रोग्राम, प्रक्रिया या उपयोगकर्ता द्वारा दिये गए आदेश के लिए Processor को कैसे और कितना उपयोग करना है। इसके साथ-साथ OS प्रोसेसर और प्रक्रिया की सभी स्थिति का ट्रैक रखता है। और जब किसी प्रक्रिया या प्रोग्राम के लिए Processor की जरूरत नहीं होती है तो OS Processor को काम करने के लिए रोक देता है। इस काम के लिए एक प्रोग्राम होता है जिसे ट्रेफिक कंट्रोल के रूप में जाना जाता है।
3. Device Management: एक computer में किसी भी Device को चलाने के लिए अलग- अलग Driver कि जरूरत होती है। जो ऑपरेटिंग सिस्टम अपने संबंधित ड्राइवरों के माध्यम से डिवाइस संचार का प्रबंधन करता है। यह कम्प्यूटर में लगे सभी उपकरणों का ट्रैक रखता है। यह तय करता है कि कौन सी प्रक्रिया कौन से उपकरण को कितने समय के लिए और कब तक के लिए उपयोग करती है। इस काम को करने के लिए I/O controller नाम का एक प्रोग्राम होता है।
4. File Management: ऑपरेटिंग सिस्टम में File Management का काम होता है। कंप्यूटर की फ़ाइलों को प्रबंधित करना। File Management यह निर्धारित करता है कि फाइलों को कंप्यूटर की मेमोरी में किस प्रकार से store किया जाना है और इसके साथ नया फाइल बनाने, उन्हें अपडेट करने, किसी पुराने फाइल को डिलीट करना जैसी सभी प्रक्रिया File Management से ही होता है।
5. Security: जैसे के इसके नाम से पता चलता है कि ऑपरेटिंग सिस्टम में Security का क्या काम होगा, ऑपरेटिंग सिस्टम में Password या किसी और method की मदद से उपयोगकर्ता के Data को किसी और के हाथों में जाने से बचाता है।
यह भी पढ़ें: कम्प्यूटर की स्पीड बढ़ाने के 9 बड़िया टिप्स
1.Batch Operating System
Batch Operating System दूसरी पीढ़ी के computers में इस्तेमाल होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम था। इसमें user और Computer के बीच सीधे तालमेल नहीं होता था। कम्प्यूटर में किसी भी प्रोग्राम को उपयोगकर्ता द्वारा दिये गए इनपुट के साथ प्रोग्राम को प्रोसेस करने के लिए लिए Job तैयार करना पड़ता था। job का मतलब प्रोग्राम के साथ-साथ उपयोगकर्ता द्वारा दिया गया इनपुट या कमांड और सारे controls को पहले से ही लिख कर एक Packet के रूप में तैयार कर लिया जाता था। इसके बाद उपयोगकर्ता बनाये गए Job को computer में punchcard की मदद से इनपुट देता था।
2. Multiprogramming Operating System
Multiprogramming Operating System में Computer की Main Memory में हम एक या एक से अधिक program एक साथ चला सकते है। तो ऐसे में जो भी Programs एक साथ Run हो रहे है उन सभी Programs को CUP के साथ-साथ इनपुट लेने और आउटपुट देने में कुछ समय की आवश्यकता भी होती है। ऐसे में अन्य program जिन्हें अभी CUP की आवश्यकता नहीं है उनकी बजाय CUP Main Memory में चल रहे Programs को process करने में लग जाता है। ऐसा करने में चल रहे Programs का Output हमें जल्दी मिल जाता है।
3. Multitasking Operating System
Multitasking ऑपरेटिंग सिस्टम, Multiprogramming से मिलता जुलता होता है पर इसमें कम्प्यूटर में process हो रहे प्रोग्राम्स के लिए CUP Time sharing के साथ चलता है मतलब Main Memory में चल रहे programs के लिए CUP अलग-अलग Time दे कर process करता है और एक प्रोग्राम से दूसरे प्रोग्राम पर स्विच करता रहता है पर यह Time इनता कम होता है कि हमें लगता है कि CUP एक साथ सभी programs को process कर रहा है।
4. Distributed System
किसी एक Network में जुड़े सभी computer एक साथ किसी एक टास्क या process को करते है तो यह Distributed Operating System होता है। यह कम्प्यूटर किसी एक communication के जरिये आपस में बात करते है। और एक process को पूरा करते है,
5. Network Operating System
Network ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग Networking के लिए किया जाता है इसमें एक कम्प्यूटर से जो सर्वर होता है उस से अनेक computer को जोड़ा जाता है और उन्हें हम client कहते है। एक सर्वर अपने से जुड़े सभी क्लाइंट कम्प्यूटर के डेटा, सिक्योरिटी, एप्लीकेशन और communication को मैनेज करता है।
6. Real Time Operating System
इस operating system में CUP का Response time बहुत कम होता है यह लिए गए input को process करने और output देने के लिए बहुत कम समय का उपयोग करते है। इसमें एक process को पूरा करने में इतना कम समय लगता है कि ऐसा लगता है कि input के साथ ही CUP उस process को पूरा कर के Result देता है Real Time ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग वहाँ होता है जहां समय की महत्वता बहुत अधिक हो। जहां एक second से भी कम समय ज्यादा होने पर नुकसान होने कि संभावना हो।
7. Time Sharing Operating System
Time Sharing Operating System में एक user के लिए एक fixed टाइम के लिए CPU का उपयोग करने के लिए दिया जाता है मान लीजिये एक computer से अनेक user जुड़े हुए है और एक user एक CPU उपयोग करने का समय 2 सेकंड है उसके बाद CPU किसी और user के लिए process करेगा इसी तरह CPU 2- 2 सेकंड सभी user के लिए उपयोग होगा। इसी तरह से सभी user CPU का इस्तेमाल करते है।
8. Multiprocessing OS
इस तरह के OS एक computer में एक से ज्यादा CPU को support कर सकते है एक ऐसा computer जिसमें एक से ज्यादा CPU लगे होते है और हर एक CPU एक process को पूरा करने में लग जाता है।
मुझे पूरी उम्मीद है की आप को ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है और यह क्यों जरूरी है और यह कितने तरह के होते है इस post से आपको यह सब समझने में कुछ मदद मिली होगी। अगर इस जानकारी से संबन्धित आपका कोई सवाल या सुझाव है तो हमें नीचे कमेंट में बताइये।