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यह एक हिंदी ब्लॉग है इस ब्लॉग पर आपको कम्प्यूटर, Internet, मोबाइल और अन्य सभी टेक्नॉलजी से सम्बंधित जानकरी हिंदी में मिलती है।
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Creative Innovative Informative
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दोस्तों Computer software क्या होता है, आप चाहे computer चलाना जानते हो या नहीं पर software का नाम आपने ज़रूर सुना होगा। किसी भी computer, Phone या किसी भी डिवाइस को चलाने के लिए software बहुत ज़रूरी होता है, बिना software के हम किसी भी डिवाइस को ऑपरेट नहीं कर सकते है। बिना software की डिवाइस मात्र एक बॉक्स के समान होगी। पर आख़िर ये software क्या होते है और यह कितने तरह के होते है, और इनका क्या-क्या काम होता है आज इन्हीं सवालों के जवाब इस पोस्ट में आसान भाषा हिंदी में जानने वाले है।
हम सभी जानते है कि Computer को पूर्ण रूप से काम करने योग्य बनाने के लिए दो चीज़ों की ज़रूरत होती है, Hardware और Software
Hardware computer का वह भाग या हिस्सा होता है जिसे हम देख सकते है छू सकते है, और पकड़ सकते है।
और software computer का वह हिस्सा होता है जिसे हम पकड़ व छू नहीं सकते है। software को केवल हम देख सकते है चलिए Software को थोड़ा और गहराई से समझते है। software kya hota hai.
सॉफ्टवेयर बहुत सारे फ़ंक्शन या प्रोग्राम का एक समूह होता है जो कम्प्यूटर से किसी विशेष कार्य को करने के लिए बनाया जाता है
हम अपने कम्प्यूटर पर जो भी काम करते है वह सभी काम सॉफ्टवेयर की मदद से ही संभव हो पाते है।
जैसा कि मैंने पहले बताया कि सॉफ्टवेयर बहुत सारे फ़ंक्शन या प्रोग्राम का एक समूह होता है जैसे यहाँ हम कैल्क्युलेटर सॉफ्टवेयर का उदाहरण लेते है।
कैल्क्युलेटर सॉफ्टवेयर का काम Calculation करना होता है तो इस सॉफ्टवेयर में जोड़, घटना, गुणा, भाग जैसे कैल्क्युलेशन को करने के लिए अलग-अलग फ़ंक्शन डाले जाते है।और सभी फ़ंक्शन को मिला कर एक सॉफ्टवेयर बनता है।
हमारे कम्प्यूटर में हर काम को करने के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर होता है जैसे Microsoft office का MS word का यूज़ हम Word Processing या Text Editing के लिए करते है इस सॉफ्टवेयर में हम Video Editing नहीं कर सकते है और इस सॉफ्टवेयर में हम Video Play भी नहीं कर सकते है, क्यूँकि MS word में केवल वही निर्देश या फ़ंक्शन को डाला गया है जो Text Edit कर सकते है। इसी तरह से आपके सिस्टम में VLC मीडिया Player होगा और उसका काम Videos और Songs को चलाना होता है।
तो समझ चुके है कि सॉफ्टवेयर निर्देशों, डेटा या प्रोग्राम का एक सेट होता है जो जिसका उपयोग कम्प्यूटर को संचालित करने या किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए किया जाता है।
सॉफ्टवेयर को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा गया है।सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर इसके अलावा कुछ और भी श्रेणियां होती है जिनके बारे में हम बारी-बारी से बात करेंगे।
सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होता है जो कम्प्यूटर हार्डवेयर को काम करने योग्य बनाता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर में लगे सभी हार्डवेयर डिवाइस से कम्यूनिकेट करता है और सभी को बताता है कि किस डिवाइस को क्या क्या कार्य करना है इसके अलावा सिस्टम सॉफ्टवेयर हार्डवेयर को चलाने के साथ-साथ नियंत्रित भी करता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर को एक ऐसा वातावरण प्रदान करता है या कम्प्यूटर को उस लायक़ बनाता है जिस से computer पर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को चलाया जा सके। किसी भी कम्प्यूटर के सबसे ज़्यादा ज़रूरी सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है बिना सिस्टम सॉफ्टवेयर के हम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं कर सकते है। और उपयोगकर्ता सिस्टम सॉफ्टवेयर के साथ सीधे इंटरैक्ट नहीं करते क्यूँकि यह सिस्टम सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के साथ इंटरफेस करने के लिए नहीं होता है यह सॉफ्टवेयर अपने आप computer में बैकग्राउंड में चलता रहता है। और यह कम्प्यूटर सिस्टम के बूट होने से ले कर जब तक सिस्टम चालू रहता है और कम्प्यूटर के बंद होने तक यह बैकग्राउंड में चलता रहता है।
सिस्टम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का सबसे बड़ा उदाहरण Operating system होता है।ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर पर चलाने वाला सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर होता है यह कम्प्यूटर की मेमोरी और प्रॉसेस के साथ-साथ सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को Manage करता है।ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के अन्य उदाहरण
Windows
Chrome OS
Ubuntu
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के लिए किसी विशेष काम को करने के लिए होते है। जो कि उपयोगकर्ता अपने काम के हिसाब से कम्प्यूटर में इंस्टॉल कर सकता है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में कई प्रोग्राम या निर्देश होते है जो उपयोगकर्ता के लिए एक विशेष कार्य करते है जैसे कोई उपयोगकर्ता अपने कम्प्यूटर में Video Editing करना चाहता है तो वह Video Editing software को इंस्टॉल कर सकता है, Internet चलाने के लिए Browser, डेटाबेस, ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर।
कम्प्यूटर में एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को कार्य करने के लिए कुछ ज़रूरत होती है जिसे सिस्टम सॉफ्टवेयर पूरा करता है जैसे किसी एप्लीकेशन को चलाने के लिए बैकग्राउंड में अन्य सहायक सिस्टम सॉफ्टवेयर की ज़रूरत होती है इसके साथ-साथ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को आवश्यक ऑपरेटिंग सिस्टम ज़रूरत होती है जिस ऑपरेटिंग सिस्टम पर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कार्य कर सकता है जैसे विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर Linux Operating system पर नहीं चल सकते है। और Linux Operating system के एप्लीकेशन Windows Operating system पर नहीं चल सकते है। हर ऑपरेटिंग सिस्टम के हिसाब से एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को बनाया जाता है।
कुछ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ऐसे होते है जिन्हें कार्य करने के लिए Internet की आवश्यकता होती है जैसे Online Meeting Application, वेबब्राउज़र आदि।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कुछ मुख्य उदाहरण
MS Word
Photoshop
Skype
VLC Media player
चलिए अब सॉफ्टवेयर की अन्य श्रेणियों के बारे में बात करते है।
हम सभी जानते है कि सोफ़्टवेयर को बनाने ले लिए Programming language का इस्तेमाल होता है और प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए Code को हम source code कहते है। और यह Source Code सभी के लिए Internet पर उपलब्ध होता है। और यह सॉफ्टवेयर और सॉफ्टवेयर का source Code सभी के लिए फ़्री होता है कोई भी व्यक्ति ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को Internet से डाउनलोड कर के इस्तेमाल कर सकता है या फिर इसके सोर्स कोड में सुधार कर के अपनी इच्छा अनुसार बदलाब कर सकता है। इस लिए इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर कहते है।
Open source Software के बारे में पढ़ें।
ड्राइवर सॉफ्टवेयर को हम डिवाइस सॉफ्टवेयर भी कह सकते है। यह सॉफ्टवेयर सिस्टम सॉफ्टवेयर की श्रेणी में आता है यह भी एक तरह का सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है ड्राइवर सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर से जुड़े उपकरण को नियंत्रित करते हैं, जैसे जब कम्प्यूटर में कोई नया हार्डवेयर या डिवाइस जुड़ती है तो उस डिवाइस का सॉफ़्टवेयर भी उसके साथ इंस्टॉल होता है जिससे कि वह डिवाइस या हार्डवेयर अपना विशेष कार्य करने में सक्षम हो सके। कम्प्यूटर से जुड़े प्रत्येक उपकरण को कार्य करने के लिए कम से कम एक डिवाइस ड्राइवर की आवश्यकता होती है। जैसे आपने देखा होगा जब भी हम अपने कम्प्यूटर में कोई भी नयी डिवाइस जैसे हेडफ़ोन, कीबोर्ड, यूएसबी, आदि को जोड़ते है तो उनके साथ ड्राइवर सॉफ्टवेयर भी इंस्टॉल होता जिस से वह डिवाइस ठीक तरह से काम करने में सक्षम हो जाती है।
ड्राइवर सॉफ्टवेयर का सबसे अच्छा उदाहरण प्रिंटर ड्राइवर सॉफ्टवेयर है जब हम कम्प्यूटर में प्रिंटर को जोड़ते है तो प्रिंटर को नियंत्रित करने के लिए या फिर प्रिंट कमांड को देने के लिए प्रिंटर ड्राइवर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की ज़रूरत होती है।
इसी तरह से अन्य सभी हार्डवेयर और डिवाइस को नियंत्रित करने के लिए ड्राइवर सॉफ्टवेयर की ज़रूरत होती है।
मिडलवेयर सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन और सिस्टम सॉफ़्टवेयर के बीच या अलग-अलग प्रकार के एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर के बीच मध्यस्थता का कार्य करता है। उदाहरण के लिए मिडलवेयर सॉफ्टवेयर माइक्रोसॉफ्ट विंडोज को MS Excel और MS word से बात करने में सक्षम बनाता है।
किसी भी सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए प्रोग्राम लिखना पड़ता है इस लिए प्रोग्राम लिखने के लिए प्रोग्रामर प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करते है। यह प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर या प्रोग्रामिंग टूल डेवलपर्स को सॉफ्टवेयर बनाने, लिखने, परीक्षण करने और डिबग करने में सक्षम बनाते हैं प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर के उदाहरणों में असेंबलर, कंपाइलर, डिबगर्स और Interpreters शामिल हैं।
ऐसे सॉफ्टवेयर जिन्हें हम Internet से फ़्री में डाउनलोड कर के इस्तेमाल कर सकते है उन्हें हम फ्रीवेयर सॉफ्टवेयर कहते है। फ्रीवेयर सॉफ्टवेयर में ज़्यादातर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर शामिल होते है लेकिल कुछ सिस्टम सॉफ्टवेयर भी होते है जो इस्तेमाल के लिए निशुल्क होते है।
उदाहरण के लिए Google Chrome एक फ़्री एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जिसे कोई भी व्यक्ति Internet से डाउनलोड कर के इस्तेमाल कर सकता है इसके लिए कोई भी क़ीमत नहीं देनी होती है इसी तरह और भी सॉफ्टवेयर है जैसे WhatsApp, स्काइप, टेलीग्राम, विंडोज मीडिया प्लेयर।
यह सॉफ्टवेयर ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के विपरीत होता है ऐसे सॉफ्टवेयर का अधिकार किसी कम्पनी या किसी व्यक्ति के पास होता है यह सॉफ्टवेयर इस्तेमाल के लिए होता है पर इसका सोर्स कोड सॉफ्टवेयर मालिक के पास ही होता है। और उस सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल के लिए कुछ क़ीमत चुकानी होती है या फिर ये सॉफ्टवेयर फ़्री भी हो सकते है।
मैलवेयर, स्पाइवेयर और एडवेयर ऐसे सॉफ़्टवेयर होते है जिन्हें कोई भी व्यक्ति जानबूझ कर अपने सिस्टम में नहीं रखना चाहेगा। यह सॉफ्टवेयर आपकी सहमति के बिना अपने सिस्टम में इंस्टॉल हो जाते है। और कम्प्यूटर पर की गई गतिविधि पर नज़र रखते है। आपकी जानकरी चुराते है और आपकी जासूसी करते है।
सॉफ़्टवेयर बनाने के लिए कम्प्यूटर भाषा यानी कि प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान होना ज़रूरी है एक सॉफ़्टवेयर को तैयार करने के लिए बहुत सारी कोडिंग और निर्देशों को लिखना होता है। आज के समय में अनेक प्रोग्रामिंग भाषायें उपलब्ध है जिन की सहायता से हम प्रोग्रामिंग कर सकते है जैसे Java, Python, PHP, C++ आदि
इस पोस्ट में मैंने आपको सॉफ़्टवेयर के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है मुझे उम्मीद है कि आपको सॉफ़्टवेयर के बारे में जानकारी मिल गई होगी कि सॉफ़्टवेयर क्या होता है (software kya hota hai)और इनका क्या काम होता है और ये कैसे बनते है। तो एक बार फिर से नज़र डालते है कि सॉफ़्टवेयर कम्प्यूटर का वह हिस्सा होता है जिन्हें हम पकड़ व छू नहीं सकते है और किसी कम्प्यूटर को पूर्ण रूप से काम करने के लिए हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है।