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यह एक हिंदी ब्लॉग है इस ब्लॉग पर आपको कम्प्यूटर, Internet, मोबाइल और अन्य सभी टेक्नॉलजी से सम्बंधित जानकरी हिंदी में मिलती है।
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Creative Innovative Informative
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कंप्यूटर सीख रहे हैं या सीखना चाहते हैं। तो आपको कंप्यूटर कीबोर्ड की जानकारी होनी चाहिए। अगर आपको कंप्यूटर कीबोर्ड की जानकारी नहीं है। तब आप इस लेख को पढ़ सकते हैं। इस लेख में हम Keyboard kya hai, इसके प्रकार तथा इसमें उपस्थित keys की जानकारी विस्तार से जानेंगे।
कंप्यूटर उपयोगकर्ता को कंप्यूटर कीबोर्ड की जानकारी होनी चाहिए। इसमें सभी कुंजियों की पूरी जानकारी भी होनी चाहिए। क्योंकि कीबोर्ड कंप्यूटर का एक प्रमुख अंग होता है, जिससे कंप्यूटर को निर्देश दिया जाता है और कंट्रोल किया जाता है।
Computer को उपयोग करने के लिए Keyboard एक जरूरी हिस्सा होता है। तो यदि Keyboard की जानकारी आपको नहीं है। तब इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िएगा। तो चलिए पहले जानते हैं कि Computer Keyboard क्या है?
कीबोर्ड कंप्यूटर का एक मुख्य इनपुट उपकरण है। इसका उपयोग कंप्यूटर को निर्देशों के दिए जाने के लिए किया जाता है। सामान्यतः, कीबोर्ड पर मौजूद अक्षर, नंबर, और चिह्नों आदि की कुंजियों के द्वारा निर्देश दिया जाता है। यह Computer के हार्डवेयर भाग के अंतर्गत आता है। जिसका आकार आयताकार होता है। जिसे हम बहुत आसानी से देख और छू सकते हैं।
कीबोर्ड पर अनेक कुंजियां होती हैं। इनके माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश दिया जाता है। इनमें से कुछ कुंजी अक्षरों के लिए होती हैं और कुछ कुंजी नंबर और चिह्नों के लिए होती हैं। वहीं Keyboard पर कुछ विशेष प्रकार की कुंजी (Key) भी होती है। कुल मिलाकर Keyboard में लगभग 104 या 108 कुंजी (Key) होती है।
Keyboard में उपस्थित सभी कुंजी पर अक्षर या चिन्ह Print हुई होती है। जिन्हें दबाने पर Computer में वहीं अक्षर, नंबर या चिन्ह टाइप हो जाता है। जो Keyboard के उस कुंजी पर print हुई होती है। Keyboard का उपयोग ही Computer को Text के रुप में निर्देश देने के लिए होता है। किन्तु इसे Mouse की तरह भी उपयोग किया जा सकता है।
Computer Keyboard एक Multifunctional उपकरण है। जिससे Computer में न सिर्फ Text लिख सकते हैं। बल्कि Computer को पूरी तरह से कंट्रोल भी कर सकते हैं। इसके लिए Keyboard को Computer से Connect करना होता है। Keyboard को Computer से Connect करने के लिए पहले से ही एक विशेष Port बनाया गया होता है। लेकिन आजकल USB Keyboard भी आते हैं। जिसे USB Port में लगाकर Computer से Connect किया जाता है।
क्या आप जानते हैं कि कीबोर्ड का पूरा नाम क्या होता है। हाँ! कीबोर्ड का भी पूरा नाम होता है। क्या आपको इससे पहले पता था क्या?
कीबोर्ड के पूरा नाम ” Keys Electronics Yet Board Operating A to Z Response Directly” होता है।
कंप्यूटर का एक ऐसा उपकरण है, जिसके द्वारा कंप्यूटर में टेक्स्ट, नंबर और सिम्बल्स आदि को इनपुट किया जाता है। सामान्यतः इस उपकरण को कीबोर्ड कहा जाता है।
अर्थात Keyboard की सहायता से Computer में कोई अक्षर, शब्द, वाक्य, नंबर और कोई चिन्ह लिखा जाता है। Keyboard एक प्रकार का Input Device है। इसे Input Device के अंतर्गत इसी लिए रखा जाता है। क्योंकि यह Computer में सिर्फ Input करने में काम आता है। इसकी सहायता से सिर्फ Input किया जा सकता है। उम्मीद करता हूँ कि Keyboard की definition और इसकी कार्यप्रणाली समझ आया होगा।
एक Computer Keyboard में बहुत सारी कुंजीयाँ (Keys) होती है। जिसे अलग अलग देशों ने अपनी भाषा और लिपि के अनुसार सजाया है। जिसे Keyboard Layout कहते हैं। इसकी वजह से आज मार्केट में विभिन्न Layout के Computer Keyboard उपलब्ध है।
इनके Layout के कारण Keyboard के बनावट आकार या प्रकार तय होता है। Computer Keyboard को मुख्य रूप से दो Layout में बांट सकते हैं।
QWERTY कीबोर्ड कंप्यूटर या लैपटॉप में सबसे अधिक उपयोग होने वाला कीबोर्ड लेआउट है। यहां तक कि स्मार्टफोन और टैबलेट में भी QWERTY कीबोर्ड को डिफ़ॉल्ट रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह सबसे लोकप्रिय कीबोर्ड लेआउट है।
इस लेआउट का नाम QWERTY इसलिए है, क्योंकि इस कीबोर्ड के पहले 6 अक्षर Q, W, E, R, T और Y होते हैं, जिन्हें आप अल्फ़ाबेट वाले कुंजीयों के पहले पंक्ति में देख सकते हैं।
QWERTY Layout पर आधारित अन्य Keyboard Layout
AZERTY
QWERTZ
QZERTY
Non-QWERTY कीबोर्ड QWERTY कीबोर्ड लेआउट पर आधारित नहीं होता है। यदि आपका काम कंप्यूटर पर अधिक होता है और अल्फाबेट से जल्दी जल्दी काम करना होता है। तब आपके लिए Non-QWERTY Keyboard अच्छा होगा। क्योंकि इसे Fast Typing के लिए बनाया ही गया है। इससे हाथ और अँगुली में खिंचाव कम होता है। जिससे अधिक टाइपिंग करने के बाद भी हाथ या अंगुली दर्द नहीं करते हैं।
Non-QWERTY Keyboard पर आधारित अन्य Keyboard Layout
DVORAK
WORKMAN
COLEMAK
एक मैकेनिकल कीबोर्ड भी दिखने में एक साधारण कीबोर्ड की तरह होता है, लेकिन इसके काम करने के तरीके में यह दूसरों से भिन्न होता है। यह एक ऐसा कीबोर्ड होता है जिसमें कीबोर्ड में Switches होती हैं।
मैकेनिकल कीबोर्ड एक उच्च गुणवत्ता वाला कीबोर्ड होता है जिसे स्प्रिंग एक्टिवेटेड कीज और स्विच के द्वारा बनाया जाता है। ये की स्विच कीबोर्ड यूजर्स के आधार पर अलग-अलग होते हैं। इसका एक उदाहरण है – इस कीबोर्ड में एक धातु प्लेट, स्प्रिंग स्विच होती है, जब आप स्विच को दबाते हो तो स्टेम हंसिंग के अंदर घुस जाता है और वह स्विच को धातु से छूने की अनुमति देता है जिससे आपके वर्ड टाइप होते हैं।
बहुत सारे कीबोर्ड में 3 प्लास्टिक मेम्ब्रेन (प्लास्टिक मेम्ब्रेन) सेट बनाए जाते हैं, जिनमें प्रत्येक कीज के नीचे रबर के गुम्बद के आकार के स्विच होते हैं, जब आप अपने कीबोर्ड पर किसी कीज को प्रेस करते हैं, तो रबर स्विच ऊपर और नीचे कनेक्ट होने के लिए मेम्ब्रेन में एक छेद (होल) के माध्यम से धक्का देता है और फिर ये नीचे उपस्तिथ पीबीसी बोर्ड के संपर्क में आता है, और इलेक्ट्रिक सर्किट बनाता है जिस वजह से आपके कंप्यूटर में इनपुट जाता है।
यदि आप कीबोर्ड के नियमित उपयोगकर्ता हैं, तो एक मैकेनिकल कीबोर्ड के उपयोग से आप एक बहुत ही प्रभावी टाइपिस्ट बन सकते हैं
सामान्यतः कंप्यूटर में जिस कीबोर्ड का उपयोग किया जाता है, वह “नॉर्मल कीबोर्ड” ही होता है। इस कीबोर्ड में लगभग 108 कुंजियां होती हैं। इसे कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए केबल को सीपीयू में कनेक्ट करना होता है। इस तरह के Keyboard को Wired Keyboard भी कहा जाता है। क्योंकि इसे Wire के द्वारा Computer से कनेक्ट किया जाता है। यह Keyboard सबसे ज्यादा उपयोग भी किया जाता है। क्योंकि यह दुसरे Keyboard के मुकाबले सस्ता होता है।
बिना Wire वाले कीबोर्ड को “वायरलेस कीबोर्ड” कहा जाता है। इसे USB रिसीवर के द्वारा कंप्यूटर से कनेक्ट किया जाता है। यह नॉर्मल कीबोर्ड के मुकाबले अधिक महंगा होता है।
एर्गोनॉमिक कीबोर्ड एक विशेष प्रकार से डिज़ाइन किया गया कीबोर्ड होता है। इसे इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि इससे टाइपिंग करने में आसानी होती है। जिससे अधिक टाइपिंग करने के बाद भी हाथ और अंगुली में होने वाले दर्द को कम करता है।
आज जो Computer Keyboard है। वो शुरुआत में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। टाइपराइटर, टेलीप्रिंटर्स और कीपंच जैसे अविष्कार को ही Keyboard का शुरुआती फॉर्म मान सकते हैं। कंप्यूटर कीबोर्ड को तो टाइपराइटर का पूर्वज भी माना जाता है। टाइपराइटर को तो आप सभी लोग जानते ही होंगे।
पहला व्यवहारिक टाइपराइटर वर्ष 1868 में Christopher Soles के द्वारा विकसित किया गया था। टाइप-राइटर शब्द भी इन्होंने ही दिया था। टाइप-राइटर का Layout समान्य ABCD की तरह था। जिससे लिखना मुश्किल होता था। इसमें गलतियाँ भी अधिक होता था।
टाइप-राइटर के बाद उसने QWERTY लेआउट को पेश किया। जिसका उपयोग आज भी आधुनिक कंप्यूटर कीबोर्ड पर किया जाता है।
कंप्यूटर कीबोर्ड, कंप्यूटर का एक प्रमुख हार्डवेयर उपकरण है। इसमें एक अलग Processor और सर्किट होता है। सर्किट की यह पूरी जालीदार संरचना बनाई जाती है, जिसे Key Matrix कहा जाता है। इसके जरिए, उपयोगकर्ता द्वारा दबाए गए कीबोर्ड बटनों की जानकारी Processor तक पहुंचती है।
इसके लिए प्रत्येक बटन के नीचे सर्किट दृढ़ता से लगाया जाता है, जिसमें एक स्विच भी होता है। जब किसी बटन को दबाया जाता है, तो स्विच सर्किट को जोड़ता है। इससे सर्किट में थोड़ी सी विद्युत धारा बहने लगती है, जिससे सर्किट में हल्की झनझनाहट (Vibration) उत्पन्न होती है।
इससे कंप्यूटर का प्रोसेसर पूर्ण सर्किट का पता लगा लेता है। तब कंप्यूटर के ROM में एक चरित्र चार्ट बनता है और कंप्यूटर के प्रोसेसर को बताता है कि कौन से बटन को दबाया गया है।
इसी तरह, हमारा कीबोर्ड काम करता है और कंप्यूटर को इससे पता चलता है कि कौन से बटन को दबाया गया है।
कीबोर्ड का क्या कार्य है? यह एक सामान्य प्रश्न है, जिसका उत्तर लगभग सभी कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं को पता होता है। कंप्यूटर का इस्तेमाल करने के लिए कीबोर्ड का उपयोग अत्यंत आवश्यक होता है। जैसे:
1. दस्तावेज़ बनाने के लिए, जैसे शब्दों को typed करने में,
2. कैलकुलेशन के दौरान नंबर लिखने के लिए,
3. विभिन्न प्रकार के चिह्न डालने के लिए जैसे; @, $, *, आदि।
कीबोर्ड का उपयोग माउस के रूप में भी किया जा सकता है। जैसे; कर्सर को ऊपर, नीचे और दाएं बाएं करने के लिए। कंप्यूटर कीबोर्ड में 100 से भी अधिक बटन होते हैं, जिन्हें कई लोग बटन्स के नाम से भी जानते हैं। इन सभी बटन्स का अलग-अलग कार्य होता है, जिसे आप नीचे विस्तार से जान सकते हैं।
ऊपर हमने कीबोर्ड के बारे में काफी जानकारी प्रस्तुत की है। जैसे; कीबोर्ड क्या है, कीबोर्ड का पूर्ण रूप, कीबोर्ड की परिभाषा, कीबोर्ड का निर्माण, कीबोर्ड के प्रकार, कीबोर्ड का इतिहास और अन्य जानकारी। इसे पढ़कर, आपने कीबोर्ड के बारे में लगभग सबकुछ सीख लिया होगा। लेकिन वे लोग जो कभी कंप्यूटर या कीबोर्ड नहीं देखे हैं, उन्हें इन सभी विवरणों से जानकारी नहीं होगी। उन्हें शायद यह भी नहीं पता होगा कि वास्तव में कंप्यूटर कीबोर्ड क्या होता है और यह कैसा दिखता है।
इसलिए हमने आपके लिए ऊपर कीबोर्ड की एक तस्वीर प्रस्तुत की है। ताकि आप देख सकें कि कंप्यूटर कीबोर्ड क्या है और इसका रूप कैसा होता है। सामान्यतः, कंप्यूटर कीबोर्ड एक आयताकार होता है जिसमें कई सारे बटन होते हैं। इन पर टेक्स्ट, नंबर और विभिन्न प्रकार के चिह्न लिखे जाते हैं। इनका उपयोग कंप्यूटर में इनपुट करने के लिए होता है। चलिए, इस कीबोर्ड के सभी बटन्स की जानकारी आपको प्राप्त करते हैं।
एक सामान्य कीबोर्ड में लगभग 104 या 108 बटन होते हैं। जिसमें से प्रत्येक बटन का अपना अलग कार्य होता है। वहीं कुछ बटन का प्रयोग दूसरे बटन के साथ किया जाता है। इसमें तीन इंडिकेटर लाइट भी होती है। कीबोर्ड में प्रत्येक बटन को कार्य के अनुसार 6 प्रकार में बांटा सकते हैं।
कीबोर्ड के बटन के नाम:
• फंक्शन बटन (Function Keys)
• टाइपिंग बटन (Typing Keys)
• नेविगेशन बटन (Navigation Keys)
• न्यूमेरिक बटन (Numeric Keys)
• इंडिकेटर लाइट (Indicator Light)
• स्पेशल पर्पज़ बटन (Special Purpose Keys)
कीबोर्ड के सबसे ऊपर वाले पंक्ति में उपस्थित 12 बटन को फंक्शन बटन कहते हैं। यह F1 से शुरू होकर F12 तक होता है। प्रत्येक फंक्शन बटन को बार बार किये जाने वाले कार्यों के लिए प्रोग्राम किया होता है। ताकि समय की बचत हो सके। जो इस प्रकार है:-
F1 | Open Help Center |
F2 | Rename Files Or Folders |
F3 | Open Search In Browser Or Windows |
Alt+F4 | Shutdown Or Restart Computer |
F5 | Refresh |
F6 | Volume Down |
F7 | Volume Up |
F8 | Start Safe Mode |
F9 | Reduce Screen Brightness |
F10 | Increase Screen Brightness |
F11 | Open Or Close Full Screen Mode |
F12 | Save As |
टाइपिंग बटन में अल्फाबेटिकल और न्यूमेरिकल दोनों तरह के बटन होते हैं। इसलिए इसे अल्फान्यूमेरिकल बटन भी कहते हैं। कंप्यूटर कीबोर्ड में 26 बटन अल्फाबेटिकल होते हैं। जिसमें अल्फाबेट के 26 अक्षर (A से Z तक) होते हैं। जिनका उपयोग कर कंप्यूटर में कोई भी टेक्स्ट लिख सकते हैं। न्यूमेरिकल बटन का प्रयोग नंबर या अंक लिखने के लिए किया जाता है। जिसमें 0 से 9 तक के अंक होते हैं। टाइपिंग बटन में पंक्चुएशन मार्क्स और सिम्बल भी शामिल होते हैं। टाइपिंग करते वक्त इन बटन का उपयोग सबसे अधिक होता है।
नेविगेशन बटन का प्रयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर (कर्सर) को कहीं भी ले जाने के लिए किया जाता है। ये 4 बटन होते हैं। जिनमें चारों भिन्न-भिन्न दिशाओं में कर्सर को ले जाने में उपयोग होता है। जिसे समझने के लिए तीर के निशान से दर्शाया जाता है। इसलिए इन्हें एरो बटन भी कहते हैं। इसके अलावा होम बटन, एंड बटन, इन्सर्ट बटन, डिलीट बटन, पेज अप और पेज डाउन बटन भी होते हैं।
एक सामान्य कीबोर्ड में न्यूमेरिक बटन कीबोर्ड के राइट साइड में होता है। इसका प्रयोग नंबर या अंक टाइप करने में होता है। यह कैलकुलेटर के समान होता है। इसमें 0 से 9 तक अंक और जोड़, घटाव, गुणा और भाग जैसे कैलकुलेटर के सिम्बल होते हैं। इसलिए इसे कैलकुलेटर बटन भी कहते हैं।
कंप्यूटर कीबोर्ड में तीन तरह की लाइट होती है। जिन्हें इंडिकेटर लाइट कहा जाता है। कीबोर्ड पर उपस्थित तीनों लाइट में से पहली लाइट न्यूमेरिक बटन के ऑन/ऑफ का संकेत देती है। वहीं दूसरी लाइट अपरकेस और लोवरकेस का संकेत देती है और तीसरी लाइट स्क्रोलिंग के बारे में संकेत देती है।
स्पेशल पर्पज़ बटन का प्रयोग विशेष कार्यों को करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। बहुत सारे स्पेशल पर्पज़ बटन एक सामान्य कीबोर्ड पर होते हैं। इसमें से अधिकांश बटन का प्रयोग किसी दूसरे बटन के साथ करते हैं। चलिए सभी स्पेशल पर्पज़ बटन को विस्तार से जानते हैं।
कैप्स लॉक बटन एक टॉगल बटन है। टॉगल बटन कहने का मतलब है कि इसे एक बार दबाने पर यह सक्रिय होता है और इसे पुनः दबाने पर निष्क्रिय हो जाता है। इसे सक्रिय करने पर कीबोर्ड के अल्फाबेटिकल बटन में Capital Letter में लिखता है। जिसे कंप्यूटर में Upper Case कहा जाता है। इसे निष्क्रिय कर के लिखने पर अल्फाबेटिकल बटन Small letter में लिखता है। जिसे कंप्यूटर में Lowercase कहा जाता है। कीबोर्ड की इंडिकेटर लाइट की दूसरी लाइट इसी का संकेत देती है।
नम्बर लॉक बटन भी एक टॉगल बटन है। इसे सक्रिय करने से कीबोर्ड के ऊपरी न्यूमेरिक बटन सक्रिय होते हैं। इंडिकेटर लाइट की पहली लाइट इसी का संकेत देती है।
शिफ्ट बटन एक संयोजन बटन है। संयोजन बटन का मतलब है कि इस बटन का उपयोग किसी और बटन के साथ करते हैं। आपने कंप्यूटर कीबोर्ड के बहुत सारे बटन पर दो चरित्र अंकित देखा होगा। तब ऐसे बटन के ऊपर वाले चरित्र को कंप्यूटर पर लिखने के लिए शिफ्ट बटन के साथ उस बटन का प्रयोग करते हैं। जैसे; कीबोर्ड के 2 अंक वाले बटन के ऊपर @ है। अतः @ को कंप्यूटर पर लिखने के लिए शिफ्ट बटन के साथ 2 अंक वाले बटन को दबाना होगा। इसके साथ इसका उपयोग अल्फाबेटिकल बटन को अपरकेस और लोवरकेस में भी लिखने के लिए होता है। जैसे; शिफ्ट बटन के साथ किसी अल्फाबेटिकल बटन को दबाने पर वह uppercase में कंप्यूटर पर लिखाएगा। वहीं अगर कैप्स लॉक बटन को सक्रिय कर शिफ्ट बटन के साथ किसी अल्फाबेटिकल बटन को दबाने पर कंप्यूटर में वह लेटर लोवरकेस में लिखाएगा। न्यूमेरिक बटन पर अंकित डायरेक्शनल एरो का इस्तेमाल करने के लिए भी शिफ्ट बटन के साथ प्रयोग किया जाता है। कीबोर्ड में दो शिफ्ट बटन होते हैं।
कंप्यूटर में किसी भी कार्य को पूरा करने या निष्पादित करने के लिए एंटर बटन का प्रयोग किया जाता है। किसी डॉक्यूमेंट या टेक्स्ट को लिखते वक्त नए पैराग्राफ के लिए भी इसका उपयोग होता है। एंटर बटन कीबोर्ड के दो स्थानों पर होता है।
टैब बटन, टैब्युलेटर बटन का संक्षेपित नाम है। यह कर्सर को एक जगह से दूसरे जगह, यानी एक टैब से दूसरे टैब में ले जाता है।
एस्क बटन, एस्केप बटन का संक्षेपित नाम है। इस बटन का प्रयोग किसी भी वर्तमान प्रोसेस या ऑपरेशन को रद्द करने के लिए किया जाता है। जैसे; यदि आप इंटरनेट पर एक पेज खोल रहे हैं और अचानक आपको उस पेज को बंद करना हो, तो आप एस्क बटन दबा कर उस पेज को बंद कर सकते हैं।
डिलीट बटन का प्रयोग किसी विशेष स्थान या सेल को डिलीट (हटाने) करने के लिए किया जाता है। इसे दबाने से कर्सर का अगला चरित्र हट जाता है। इसे डिलीट के नाम से भी जानते हैं।
बैकस्पेस बटन का प्रयोग टाइप किए गए टेक्स्ट को पिछले करेक्टर या सेल को हटाने के लिए किया जाता है। इसे बैकस्पेस कहा जाता है क्योंकि इसका चिह्न ← बैकस्पेस के रूप में दिखाई देता है।
प्रिंटस्क्रीन बटन का प्रयोग किसी भी स्क्रीनशॉट (Screenshot) को लेने के लिए किया जाता है। यदि आप वर्तमान समय में किसी भी स्क्रीन को इस बटन को दबाकर लेते हैं, तो पूरे स्क्रीन का एक फ़ोटोग्राफ आपके कंप्यूटर के क्लिपबोर्ड (Clipboard) में कॉपी हो जाता है। इसके बाद आप उस फ़ोटोग्राफ को एडिटर या अन्य एप्लिकेशन में पेस्ट करके उसे सेव कर सकते हैं। इसे छोटे से PRTSC या PRTSCN भी कहते हैं।
टाइम बटन का प्रयोग किसी प्रोसेस या प्रोग्राम को रुकने या पूर्णतः बंद करने के लिए किया जाता है।
एरो बटन, डायरेक्शनल एरो के नाम से भी जाने जाते हैं। यह चार बटन होते हैं जो कर्सर को चारों दिशाओं में ले जाते हैं। यह वे बटन होते हैं जिन्हें आप अपने इंगलिश मीडियम शिक्षा की किताबों में तीर के निशान के रूप में देखा होगा। इससे आप कर्सर को आगे, पीछे, दाईं और बाईं दिशा में ले जा सकते हैं। इसे चार दिशाओं में कर्सर ले जाने वाले बटन कहा जाता है।
होम बटन का प्रयोग कर्सर को वर्तमान वाक्यांश के प्रारंभिक स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है।
एंड बटन का प्रयोग कर्सर को वर्तमान phrase के अंतिम स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है।
पेज अप और पेज डाउन बटन का प्रयोग कर्सर को पेज के ऊपर और नीचे ले जाने के लिए किया जाता है।
इंसर्ट बटन का प्रयोग टाइप किए गए टेक्स्ट को ओवरव्राईट और इंसर्ट मोड में ले जाने के लिए किया जाता है। यह बटन टेक्स्ट एडिटर में उपयोगी होता है जब आप किसी विशेष स्थान पर टेक्स्ट को डायरेक्टली लिखना चाहते हैं, बिना उस स्थान के पहले टेक्स्ट को हटाए।
ऑटो बटन एक विशेष बटन होता है जो किसी एप्लिकेशन में डेटा डालने या अपडेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे एंटर बटन के पास या उससे नीचे पॉज़िशन किया जाता है।
प्रिंटस्क्रीन बटन का उपयोग कंप्यूटर पर प्रदर्शित स्क्रीन का स्क्रीनशॉट लेने के लिए किया जाता है।
स्क्रोल लॉक बटन कंप्यूटर पर चल रहे प्रोग्राम या टेक्स्ट को अस्थायी रूप से एक ही स्थान पर रोक देता है। पुनः पहले जैसा करने के लिए आपको इस बटन को फिर से दबाना होता है।
पॉज बटन स्क्रोल लॉक बटन के ऊपर स्थित होता है। यह बटन चल रहे प्रोग्राम को अस्थायी रूप से रोक देता है। जिसे पुनः पहले जैसा करने के लिए आप किसी भी बटन को दबा सकते हैं। गेम खेलते समय, गेम को बीच में रोकने के लिए आप इसी पॉज बटन का उपयोग करते हैं।
मॉडीफायर बटन कंप्यूटर कीबोर्ड का एक विशेष बटन होता है, जो दूसरे बटन के साथ प्रयोग होता है और दूसरे बटन के कार्य को बदल देता है। जैसे; एल्ट बटन को एफ4 बटन के साथ प्रयोग करने से विंडोज को शटडाउन और रीस्टार्ट करता है। इसमें एल्ट मॉडीफायर बटन है, जो एफ4 के कार्य को बदल दिया।
कुछ मॉडीफायर बटन निम्नलिखित हैं।
एल्ट बटन
शिफ्ट बटन
कंट्रोल बटन
यह थे कुछ सामान्य कीबोर्ड बटन जो एक स्टैंडर्ड 101/102 कीबोर्ड में पाए जाते हैं। किंतु विभिन्न कंप्यूटरों, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में कुछ अतिरिक्त बटन्स भी होते हैं जो कंप्यूटर और उपयोगकर्ता के लिए विशेष फ़ंक्शन प्रदान करते हैं।
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जिससे कंप्यूटर में टेक्स्ट, नंबर और सिम्बल्स आदि इनपुट किया जाता है, उसे कीबोर्ड कहते हैं।
कीबोर्ड का अविष्कार वर्ष 1868 में हुआ था।
कीबोर्ड का अविष्कार क्रिस्टफर शोल्स ने किया था।
कीबोर्ड इनपुट डिवाइस होता है।
कीबोर्ड को हिंदी में “कुंजीपटल” कहते हैं।
कंप्यूटर कीबोर्ड का पूरा नाम होता है “कीज इलेक्ट्रॉनिक्स येट बोर्ड ओपरेटिंग ए टू जेड रिस्पॉन्स डायरेक्ट्ली”।
कंप्यूटर में कीबोर्ड का काम इनपुट करना होता है।
कंप्यूटर कीबोर्ड में 4 एरो बटन होते हैं, जिन्हें नेविगेशन कीज कहते हैं
कंट्रोल, शिफ्ट और एल्ट को मॉडीफायर कुंजी कहते हैं।
एक सामान्य कंप्यूटर कीबोर्ड में 104 या 108 बटन होते हैं।
कंप्यूटर कीबोर्ड में फंक्शन बटन की संख्या 12 है। इन्हें F1 से लेकर F12 तक नंबरिंग किया जाता है।
आशा करता हूँ कि यह जानकारी (keyboard kya hai)आपके लिए उपयोगी और सहायक साबित होगी! अगर आपके मन में किसी अन्य प्रश्न हैं तो कृपया पूछें।
इस लेख में कंप्यूटर कीबोर्ड के बारे में बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। यहां पर कीबोर्ड क्या है, कीबोर्ड का इतिहास, कीबोर्ड के प्रकार, कीबोर्ड के कार्य और कंप्यूटर कीबोर्ड की विभिन्न कुंजियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और आपके सभी प्रश्नों के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है तो कृपया इसे WhatsApp और Facebook के माध्यम से अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।